मंगलवार, 3 सितंबर 2019

कविता, गणपति गजमुख गौरीनंदन गणेश

     नमस्कार, आप सब को गणेश चतुर्थी कि हार्दिक शुभकामनाएँ | देवो के देव महादेव के बड़े सुपुत्र प्रथम पूज्य गणपति गजमुख गणेश अब से ग्यारह दिनों तक हमारे घरों में विराजेंगे हम उनकी पुजा अर्चना करेंगे और मुझे आशा है कि वो हमारी सारी मनोकामनाों को पुरा करेंगे | मैं ने आज एक नयी कविता गणपति बप्पा के चरणों में चढ़ावन स्वरूप लिखी है जिसे यहां आपका प्यार पाने के लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ

गणपति गजमुख गौरीनंदन गणेश

गणपति गजमुख गौरीनंदन गणेश
लंबोदर एकदंत विनायक प्रथमेश
विघ्नहर्ता सब सुख करता
पाप नाशक सब दुख हरता
सिद्धी बुद्धि संग विराजे
सर्प मयूर मूषक तीन सवारी
मेवा मोदक भोग लागे
एक विनती लाया हूं दरबार तुम्हारी
देवा सूनलो अरज हमारी
प्रथम आरती तुम्हारी

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      इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

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