शनिवार, 11 अगस्त 2018

ग़ज़ल, प्यार जताने के लिए तरीको की जरूरत नहीं होगी

नमस्कार , प्यार जताने के लिए तरीकों की जरूरत नहीं होगी मैने ये गजल 22 फरवरी 2017 को लिखी थी और अब वक्त मयस्सर होने पर ये आपके ख़िदमत में हाजिर है | इससे पहले कि कुछ और लिखुं यहां मैं आपको बताता चलुं की मै इस महीने पिछले दो तीन सालों में लिखी रचनाओं को प्रकाशित कर रहा हूं जिन्हें अभी तक नहीं कर पाया था | गजल देखे के

ग़ज़ल, प्यार जताने के लिए तरीको की जरूरत नहीं होगी

सच कहने के लिए लफ्जों की जरूरत नहीं होगी
जिंदगी जीने के लिए लहजों की जरूरत नहीं होगी

कभी किसी का शरमाना , नजरें चुराना तो किसी का खामोश रहना इकरार होता है
प्यार जताने के लिए तरीकों की जरूरत नहीं होगी

हर अक्षर खुद-ब-खुद मन के हालात बया करता है
खत लिखने के लिए शब्दों की जरूरत नहीं होगी

तेरे मेरे साथ का एक पल हमारे प्यार को मुकम्मल बना देगा
मोहब्बत की यह दास्तां लिखने के लिए जन्मों की जरूरत नहीं होगी

एक कोठरी काफी है तेरे संग उम्र बिताने को
हमें आबाद रहने के लिए महलों की जरूरत नहीं होगी

वक्त को यह गुमान है की एक दिन हमारी मोहब्बत को मिटा देगा वो
उसे नहीं मालूम कि हमें जिंदा रहने के लिए सांसो की जरूरत नहीं होगी

मुझे तुमसे कितना प्यार है मुझे नहीं मालूम
बस इतना जानता हूं तू साथ होगी तो मुझे खुदा से कुछ और आरजू नहीं होगी 

     मेरी गजल के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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