गुरुवार, 9 अगस्त 2018

मुक्त छंद

नमस्कार , मात्राओ की गिनती और वर्णों की अनिवार्यताओं से मुक्त एक छंद होता है जो हर परकार के साहित्ययीक बाध्यताओं से मुक्त होता है , इस तरह के छंद को मुक्त छंद कहा जाता है |

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मुक्त छंद

27 जनवरी 2016 को मैने कुछ 8 लाइनें लिखी थी , जो किसी कविता, गीत या गजल का हिस्सा नही थी | अध्ययन करने के पश्चात पता चला कि इसे मुक्त छंद कहते हैं | उम्मीद है कि प्रचलन से हटकर भी कुछ नया आपको पसंद आयेगा |

गम के बादल छट जाएंगे
दर्द सारे मिट जाएंगे
जो मिल जाए तेरा सहारा
वादा है हम बदल जाएंगे
एक पाक एहसास होता है
तू जो मुझे अपनाएगी
जो प्यार मिले किसी का
ये जिंदगी  मुस्कुराएगी

     मेरा मुक्त छंद के रूप में एक और छोटा सा यह प्रयास आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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