सोमवार, 13 मार्च 2023

ग़ज़ल , जो मेरी जान लेने का इरादा ओढ़ के आएगा

      नमस्कार , एक नयी ग़ज़ल के कुछ शेर यू देखें 


जो मेरी जान लेने का इरादा ओढ़ के आएगा 

वो पहले मुहब्बत करने का वादा ओढ़ के आएगा 


दहलीज़ पर रखा चिराग बुझाना मत सहर देखकर

अंधेरा उजाले का लबादा ओढ़ के आएगा 


उसकी स्याह नियत पहचान न पाओगे तुम 

बहरूपिया मखमल ज्यादा ओढ़ के आएगा 


उसके किरदार पर हजारों इल्जाम लगते हैं 

खुदा आया तो लिहाफ सादा ओढ़ के आएगा 


तनहा जो शख्स जिस्म से नही रुह से बेपर्दा है 

वही शख्स महफिल में रेशम ज्यादा ओढ़ के आएगा 


     मेरी ये ग़ज़ल आपको कैसी लगी मुझे अपने विचार कमेन्ट करके जरूर बताइएगा | मै जल्द ही फिर आपके समक्ष वापस आउंगा तब तक साहित्यमठ पढ़ते रहिए अपना और अपनों का बहुत ख्याल रखिए , नमस्कार |


शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023

कविता , ओम ही प्राण है

      नमस्कार , आपको महा शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं | महा शिवरात्रि के इस पावन पर्व पर मैने एक कविता लिखने का प्रयास किया है जिसे मैं आपके समक्ष प्रस्तुत करना चाहता हूं इस यकीन पर की आपको अच्छी लगेगी |


ओम ही प्राण है 


ओम कोई आकार नही है 

ओम का प्रकार नही है 

ओम जैसे साकार नही है 

ओम वैसे निराकार नही है 

ओम में विकार नही है 

ओम ये निराधार नही है 

ओम स्वयंभूःविचार ही है 

ओम स्वयं आधार ही है 


ओम ही अवधारणा है 

ओम ही कल्पना है 

ओम ही साधक है 

ओम ही साधन है 

ओम ही साध्य है 

ओम ही साधना है 


ओम ही प्रलय है 

ओम ही विलय है 

ओम ही संलयन है 

ओम ही विखंडन है 

ओम ही स्पंदन है 

ओम ही वंदन है 

ओम ही अभिनंदन है 


ओम ही सजीव है 

ओम ही निर्जीव है 

ओम ही प्राण है 

ओम ही प्राणी है 

ओम ही मौन है 

ओम ही वाणी है  


     मेरी ये कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने विचार कमेन्ट करके जरूर बताइएगा | मै जल्द ही फिर आपके समक्ष वापस आउंगा तब तक साहित्यमठ पढ़ते रहिए अपना और अपनों का बहुत ख्याल रखिए , नमस्कार |


बुधवार, 4 जनवरी 2023

मुक्तक , करोड़ों की दुआएं

      नमस्कार , एक नया मुक्तक हुआ है समात फर्माएं मैं इसे बीना किसी भूमिका के पेश कर रहा हूं मुझे यकीन है आपके दिल तक पहुंचेगा |


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तेरे पास नफरत है बददुआएं हैं मुझे देने के लिए 

मेरे पास अनमोल वफाएं हैं तुझे देने के लिए 

ये दुनिया मुझे बहुत गरीब समझती है लेकिन 

मेरे मां के पास करोड़ों की दुआएं हैं मुझे देने के लिए 

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     मेरा ये मुक्तक आपको कैसा लगा मुझे अपने विचार कमेन्ट करके जरूर बताइएगा | मै जल्द ही फिर आपके समक्ष वापस आउंगा तब तक साहित्यमठ पढ़ते रहिए अपना और अपनों का बहुत ख्याल रखिए , नमस्कार |


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