मंगलवार, 7 अगस्त 2018

कविता, एक तेरी दोस्ती है तो है मेरे पास

     नमस्कार , अभी हाल ही में फ्रेंडशिप डे था | उस दिन यानी 5 अगस्त 2018 को मैने अपने फेसबुक पेज पर एक कविता अपने दोस्तों के साथ साझा की थी जिसे मैं आज आपके साथ साझा कर रहा हूं | ये कविता मैने करिबदन तीन महीने पहले लिखी थी | कविता का उनवान यानी शीर्षक है -

कविता, एक तेरी दोस्ती है तो है मेरे पास

एक तेरी दोस्ती है तो है मेरे पास
और कुछ भी नहीं

एक तेरी दोस्ती ही तो है मेरे पास
और कुछ भी नहीं
एक बस तू ही तो है मेरे साथ
और कोई नहीं
एक बस तुझे ही तो है मुझ पर विश्वास
और किसी को नहीं
एक तेरी दोस्ती है तो है मेरे पास
और कुछ भी नहीं

जब मै हतास होता हूं , उदास होता हूं
कौन करता है मुझ पर ऐतबार
कौन मुझे झूठी दिलासा दिलाता है सौ बार
कौन मुझे गुदगुदाता है बार-बार
बस तू और कोई नही
एक तेरी दोस्ती है तो है मेरे पास
और कुछ भी नहीं

       मेरी कविता के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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