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सोमवार, 3 अगस्त 2020

गाना , कि तेरे संग जीना है मुझको


   नमस्कार ,  27 फरवरी 2020 की सुबह मैने एक गाना लिखा था लेकिन तब मैं इसे यह सोचकर पोस्ट नही कर पाया की इस तरह के गाने आजकल के दौर में कौन पढे़गा पर जब मैने अपने ब्लाग पर ही देखा तो मेरी ऐसी कई रचनाएं पढी़ जा रही हैं तब मैं ने इसे प्रकाशित करने का मन बना लिया और आज इसे आपके हवाले कर रहा हुं

कि तेरे संग जीना है मुझको

सात सुर संगीत के
सात जन्मों का जीवन
सात दिनों में हर दिन
सात बचनों का बंधन
पावन प्रेम का मधुरस 
पीना है मुझको
कि तेरे संग जीना है मुझको
कि तेरे संग मरना है मुझको

तुझे मुस्कुराता देखुं
तो जैसे सुरज चंदा लगे
तुझे पास आता देखुं
तो जैसे वक्त ठहरा लगे
तेरा रुठ जाना ऐसे
जैसे घाव गहरा लगे
तेरी मखमली छुअन से
हर जख्म सिना है मुझको
कि तेरे संग जीना है मुझको
कि तेरे संग मरना है मुझको

दिलों कि मनमानी हुई
ये पुरी कहानी हुई
मैं समझने लगा हुं खुद को
राजा , जब से तू रानी हुई
कान्हा ही बस नही दिवाना
राधा भी दिवानी हुई
जिता है प्यार तेरा
सब से छीना है तुझको
कि तेरे संग जीना है मुझको
कि तेरे संग मरना है मुझको

      मेरा ये गाना अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस गाने को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

शनिवार, 30 नवंबर 2019

गाना, तु रब कि महरबानी है

      नमस्कार , मेरा एक छोटा सा नया गाना आपकी खिदमत में हाजिर है मुझे आशा है कि आपको प्रसंद आएगा

तु रब कि महरबानी है

जैसे कोई परिंदा चहके
जैसे कोई गुलाब महके
बरषा बरसे जैसे सावन मे
मेंहदी हो जैसे आंगन में
सपनों जैसी अब जिंदगानी है
तु मेरी प्रेम कहानी है
तु रब कि महरबानी है

तेरा मेरा मिलना दुआ है
दिल में कुछ तो हुआ है
धडकन कि सदा इबादत है
हुंई जो सच्ची मोहब्बत है
ये रब कि कैसी मनमानी है
तु मेरी प्रेम कहानी है
तु रब कि महरबानी है

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शनिवार, 13 अप्रैल 2019

गाना, मै सातों वचन मोहब्बत मांगती हूं

    नमस्कार, ये गाना मैने तकरीबन एक साल पहले लिखा था अभी तक इसे आपके सामने ये सोचकर नही रख रहा था के मुझे लगता है कि मेरा ये गाना थोडा सा अस्सी - नब्बे के दशक में आने वाले गानों के जैसा है तो मुझे लगता था के यहां तो सुनना भी नही है पढना है और इस तरह के गाने को एक ब्लॉग पर कौन पढ़ेगा | लेकिन कल जब मैने मेरे एक दोस्त को कवि प्रदीप का लिखा एक गाना कही से पढ़ते देखा तो मुझे भी लगा कि मुझे भी मेरा गाना आपके सामने रखना चाहिए सो आज यहा लिख दिया

मैं सातों वचन मोहब्बत मांगती हूं

न ऐसो आराम न रुतबा तुम्हारा
न धन न दौलत न गहने मांगती हूं
हर जन्म तुम रहना साथ मेरे पिया
मैं सातों वचन मोहब्बत मांगती हूं

सीताराम सी जोडी हो अपनी
खुशीयां रहें ज्यादा हमेशा
कमाई भले हो थोड़ी अपनी
मै भला कहा कोई ताजमहल चाहती हूं
हर जन्म तुम रहना साथ मेरे पिया
मैं सातों वचन मोहब्बत मांगती हूं

तुमको प्राणों से प्यारी रहूं
सातों जन्म तुम मेरे रहो
सातों जन्म मै तुम्हारी रहूं
तुमको ही बस मै वर चाहती हूं
हर जन्म तुम रहना साथ मेरे पिया
मैं सातों वचन मोहब्बत मांगती हूं

     मेरा यह गाना अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

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बुधवार, 27 जून 2018

गाना , सादे पानी सा तेरा रंग है

   नमस्कार , कहा जाता है के दुनिया में प्यार से खुबसुरत और कोई चीज नही है | और प्यार ही एक ऐसा चीज है जिसे जितना लुटाया जाये उतना ही बढता है | ऐसे में जब कहीं प्यार का ज़िक्र हो तो धडकनें क्यों न मचलनें लगे | और प्यार भरे हर दिल को आवाज दी है हिंदी सिनेमा के फिल्मी गानों ने |

    ये एक मेरा लिखा गाना जो मुझे बेहद पसंद है आज मैं इसे आप के साथ साझा कर रहा हूं  | ये गाना मैं ने करीबन दो साल पहले लिखा है |

गाना , सादे पानी सा तेरा रंग है

सादे पानी सा तेरा रंग है
जिसमें झलकता तेरा अंग है
भूलना चाहूं इस्सर बातों में
बनके कोई रंग मैं

तेरी अदाएं हैं परिंदो जैसी
मासूम है ये दिल मेरा
जी करता है मेरा भी
चहकूं तेरे संग मैं
सादे पानी सा .......

झील जैसी है नीली आंखें
करती रहे तू मीठी बातें
पलके झुका के जब शर्माए
गुजर जाती हैं तनहा रातें
तेरी घनारी जुल्फों के
उड़ना चाहू संग मैं
सादे पानी सा तेरा .......

    मेरा गाना के रूप में एक और छोटा सा यह प्रयास आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार

गाना , नदी के किनारे से ये दो दिल हमारे

      नमस्कार ,  प्रेम में होने वाले हर एहसास को फिल्मी गानों में बखूबी फिल्माया गया है | हिन्दी फिल्मी जगत के सौ साल के इतिहास में प्यार पर बने हजारों गाने आपको मिल जाएंगे | इन गानों में नायक-नायिकाओं के किरदारों के भावनाओं को  फिल्मी गाने बखूबी प्रदर्शित करते हैं |

    आज मैं भी आपको मेरा लिखा है किसी तरह का गाना सुनाने जा रहा हूं | यह गाना मैंने तकरीबन 2 साल पहले लिखा है मुझे आशा है कि आपको मेरा लिखा ये गाना पसंद आएगा -

गाना , नदी के किनारे से ये दो दिल हमारे

नदी के किनारे से
ये दो दिल हमारे
जाने कहां पर जाकर मिलेंगे
ये बिछड़े बेचारे
दो टूटे सितारे

जब से शुरू है ये अफसाना
तभी से वही है पैमाना
दिल की दिल से बातें होती हैं
फिर भी तन्हा रातें होती हैं
अब भी हैं हम अनजाने
फिर भी जीते हैं तेरे सहारे

तेरी महक है हवाओं में
चाहत घुली है फिजाओं में
तेरी ही यादों का रहता है आलम
बदला बदला सा है मौसम
बिछड़ गई जब मेरी मोहब्बत
तब क्या ढूंढे हम पतवारें

नदी के किनारे से
ये दो दिल हमारे
जाने कहां पर जाकर मिलेंगे
ये बिछड़े बेचारे
दो टूटे सितारे

      मेरा गाना के रूप में एक और छोटा सा यह प्रयास आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार

सोमवार, 14 मई 2018

गाना , इश्क़ का नशा फिर दोबारा हुआ

    नमस्कार ,  गाना हिंदी साहित्य की कुछ सबसे प्रचलित एवं प्रसिद्ध विधाओं में से एक है | भारतीय हिंदी सिनेमा के गानों की फेहरिस्त बहुत ही लंबी है | अमूमन हम सब रोजाना एक, दो गाने तो सुन ही लेते होंगे | गाने के बोल में मुख्यतः दो भाग होते हैं अंतरा एवं बंद , गाने के बंद अक्सर छंदमुक्त होते हैं |

गाना , इश्क़ का नशा फिर दोबारा हुआ

    मैंने भी कुछ दिनों पहले एक गाना लिखा है | अक्सर ये कहा जाता है कि प्यार दोबारा नहीं होता ,  तो मेरे इस गाने में दूसरी बार प्रेम के हो जाने का जिक्र है | जिन्हें भी किसी से प्यार है वह इस गाने को गुनगुना सकते हैं | गाना आपके सामने प्रस्तुत है -

बीच समंदर में एक किनारा हुआ
इश्क का नशा फिर दोबारा हुआ
बीच समंदर में एक किनारा हुआ
इश्क का नशा फिर दोबारा हुआ

मैंने तो सोचा था
ताश के पत्तों के जैसे
बिखर जाऊंगी मैं
मगर पता नहीं था मुझे
तुमसे मिलकर सबर जाऊंगी मैं
एक आंसू ख़ुशी का फिर से
हमारा हुआ
इश्क का नशा फिर दोबारा हुआ

तुम जबसे मुझसे मिले हो
मैं भी थोड़ा-थोड़ा जीने लगा हूं
मैं भी जख्मों को अपने सीने लगा हूं
कभी मत छुड़ाना मुझसे दामन
तेरे सहारे की जरूरत है मुझको
जिसे देखना चाहूं ताऊ उम्र में
तू मेरा वह नजारा हुआ
इश्क का नशा फिर दोबारा हुआ

ना तुम्हारा हुआ ना हमारा हुआ
चांद जैसा कोई ना सितारा हुआ
बीच समंदर में एक किनारा हुआ
इश्क का नशा फिर दोबारा हुआ
इश्क का नशा फिर दोबारा हुआ

   मेरा ये गाना आपको कैसा लगा मुझे अपने कमेंट्स के जिए जरूर बताइएगा | अगर अपने विचार को बयां करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार नयी रचनाओं के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |   

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