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शनिवार, 8 दिसंबर 2018

चौपाई, भगवान राम और माता सीता विवाह का चित्रण

   नमस्कार , मै जानता हूं के मै जो मेरी रचना आज आपकी उपस्थिति में आपके सामने रखने जा रहा हूं इस तरह कि रचनाएं करने के लिए मै और मेरी कलम अभी परिपक्व नही हूं मगर मै भगवान प्रभु  श्री राम से बहोत अधिक प्रभावित हूं और मेरा मन श्री राम के सादर चरणों में समर्पित होते हुए कुछ लिखने को आतुर होता है यही वजह है के मैने भगवान राम और माता सीता विवाह का चित्रण मेरी कुछ टुटी फूटी चौपाईयों मे करने का अंस मात्र प्रयास किया है -

सितारों भरी थी आज की रात
अवध से आई थी बारात

मानवता में व्याप्त सारे अंधेरे
दूर कर गए सियाराम के सातों फेरे

खुशियों की नई कलियां खिली
सीता को राम राम को सीता मिली

प्रकृति हर्षित थी नए दांपत्य के आगाज से
फूलों की वर्षा हो रही थी आकाश से

आज नतमस्तक चारों धाम हुए
श्री राम सियापति राम हुए

मधुर मनोहर मनमोहक क्षण बीता
राम की अर्धांगिनी हुई मिथिला की सीता

    मेरी चौपाई के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें , अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

शनिवार, 4 अगस्त 2018

चौपाई , जल प्रलय

    नमस्कार ,  चौपाई एक सम मात्रिक छंद है | चौपाई में लगभग 26 मात्राएं होती हैं तथा हर पंक्ति के अंत में एक लघु गुरु होता है | तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा चौपाई की सबसे लोकप्रिय रचना है , जो तकरीबन हर भारतीय को कंठस्थ है |  हनुमान चालीसा 40 चौपाइयों का एक समूह है | हनुमान चालीसा की तरह ही दुर्गा चालीसा भी होता है |

     आज यानी 04 अगस्त 2018 को मैंने चौपाई छंद में एक रचना करने की शुन्यमात्र कोशिश की है | अपनी इस छोटी सी कोशिश को मैं पूरे साहस से  आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं -

चौपाई , जल प्रलय

जल प्रलय

जल से तरबतर भारत की धारा
जहां तक नेत्र जाए जल हि भरा

जल प्रलय कैसे ये आया
प्राणों पर भी संकट ले आया

क्या शिव की यही माया है
जल ही जल सावन लाया है

जल से विनाश की कहानी हुई है
सैकड़ों ब्रांड हानि हुई

हे नियति और काल के गाल मत बजाओ
हे इंद्रदेव और चल मत बरसातओ

       मेरी चौपाई के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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