गुरुवार, 31 जनवरी 2019

अंग्रेजी कविता , Who am I

   नमस्कार ,  इंग्लिश कविता लिखने की मेरी एक छोटी सी कोशिश है मुझे आपके आशीर्वाद और साथ की जरूरत है |

Who am I ?

who am I ?
one pure soul
or a body
destroyable by nature

who am I ?
what is my importance in world ?
what is my destiny ?
I don't know anything about me

who am I ?
who tell me ?
who am I ?

    मेरी यह इंग्लिश कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

    इस इंग्लिश कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

अंग्रेजी कविता , I feel for you

  नमस्कार ,  इंग्लिश कविता लिखने की मेरी एक छोटी सी कोशिश है मुझे आपके आशीर्वाद और साथ की जरूरत है |

I feel for you

something special
I feel for you
but I don't know
your name
I know
you are angel
looking like a golden  fairy
where are you live
right now
I don't know
but
one think is very true
I feel for you
something special

    मेरी यह इंग्लिश कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

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अंग्रेजी कविता , I believe you

  नमस्कार ,  इंग्लिश कविता लिखने की मेरी एक छोटी सी कोशिश है मुझे आपके आशीर्वाद और साथ की जरूरत है |

I believe you

hey God
I believe you
hey love
I believe you
yes
I believe you
but
I don't understand you

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इंग्लिश कविता , Shut up

  नमस्कार ,  इंग्लिश कविता लिखने की मेरी एक छोटी सी कोशिश है मुझे आपके आशीर्वाद और साथ की जरूरत है |

shut up

Everyone say me
everytime say me
shut up
when I try to say
any new thing
and I ask everyone
why ?

    मेरी यह इंग्लिश कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

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गुरुवार, 10 जनवरी 2019

कविता, हिन्दी हमारी ज़िन्दगी है

    नमस्कार ,आपको विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं | आज विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर मैने एक कविता लिखी है जिसे मैं आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं |

हिन्दी हमारी ज़िन्दगी है
एक ये सच भी है साहब
जिस भाषा को बोलने में
जिस भाषा को लिखने में
जिस भाषा को सिखने में
हमारे देश के हमारे समाज के
अत्याधिक पढ़े लिखे लोगों को
अघोषित शर्मिंदगी है
वह मातृभाषा राष्ट्र स्तरीय भाषा
हिन्दी हमारी ज़िन्दगी है

    मेरी यह कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

    इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार | 

रविवार, 6 जनवरी 2019

कविता, एक सनसनी है फैली हुई

   नमस्कार , ये कविता मैने 2013 में लिखी है |किस महीने में लिखी है ये मुझे याद नही है | सनसनी कविता शीर्षक है | इस नाम का एक लोकप्रिय न्यूज चैनल पर एक लोकप्रिय धारावाहिक भी प्रसारित होता है | मुझे यकीन है कि मेरी यह कविता आपको पसंद आयेगी \

आज हर वक्त हर ओर
एक सनसनी है फैली हुई

कोई कहीं बेचैन है
कोई है जो मौन है
कही हुआ है कोई हाका
कहीं पड़ गया देखो डाका
हर ओर देख लो डरडरी है फैली हुई

कहे लुट गई कोई बेचारी
गई आज कही ममता मारी
कहीं जीत गया फरेब
कहीं सच्चाई है हरी हुई

टूट गया कहीं घर किसी का
छूट गया है साथ किसी का
नकली है जमाना ऐसा
हकीकत फिर है छीपी हुई

धोखे से सब मिलता है
पैसे से सब बिकता है
बाजार सजा है फिर से ऐसा कि
इमान की नीलामी खूब हुई

गांव हो या हो शहर
दिन रात चारों पहर
इस तरह उस तरफ
दिशाओं में फिजाओं में
है पूरी घुली हुई

आज हर वक्त हर ओर
एक सनसनी है फैली हुई

    मेरी यह कविता अगर अपनी पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

    इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |  द्वारा भीम

शनिवार, 5 जनवरी 2019

ग़ज़ल, जख्म ए दर्प बरदाश्त की जरुरत है

    नमस्कार , एक और गजल कुछ यू हुई है कि बहुत कोशिश करने के बाद भी मै इस गजल का मख्ता नही लिख पा रहा हूं | छोटी सी खुदरंग मिजाज की ये गजल आपको भी अच्छी लगेगी मुझे ऐसा लगता है |

जख्म ए दर्द बरदाश्त की जरुरत है
अभी जख्म भर रहा है एहतियात की जरुरत है

अभी मेरा मनाना बाकी है
अभी तेरे एतराज की जरुरत है

अब तो मै यकीनन मर चुका हूँ
अब मुझे इंसानी एहसास की जरुरत है

यही के उसे छोडने वाला हूं
अब दिल के ऐतबार की जरुरत है

      मेरी गजल के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें , अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

बुधवार, 2 जनवरी 2019

कविता, नए साल का स्वागत है

    नमस्कार , 'नए साल का स्वागत है',Happy New Year 2019 | आपको एवं आपके सम्पूर्ण परिवार को हरिनारायण तनहा की ओर से नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ , यह वर्ष आपके जीवन में ढेर सारी खुशीयॉ एवं कामयाबी लेकर आए मै यही चाहता हूं | आइए हम मिलकर कहते हैं 'नए साल का स्वागत है '|

नए साल का स्वागत है

ये जो वर्ष आज की रात गुजर जायेगा
मेरे मन में कई अच्छी बुरी यादें छोड़ जायेगा
ऐसे अनगिनत लम्हें याद है मुझे जब मै खुश था
न जाने कितने पल ऐसे याद रह जाएंगे
जब मै नाखुश था
सारी कामयाबीयां नाकामीयां
कमानिया बन कर रह जाएंगी
कुछ घटनाएं भुल जाने का मन करेगा
कुछ तो बहोत याद जाएंगी
ऐसे ही जज़्बातों ख्यालातों और भावनाओ का
एक नया पिटारा नए साल के रुप में
मेरी ज़िन्दगी को नए आयाम नयी दिशा
देना चाहता है
मेरी तरफ से
नए साल का स्वागत है

      मेरी कविता के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें , अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

कविता, नया वर्ष , पुराना साल

     नमस्कार , इस कविता में मैने उन सभी सपनाें उम्मीदों के बारे में बात की है जो इस गुजरते हुए वर्ष मे पुर्ण नही हो पाई उन्हें मै नए साल के हवाले कर रहा हूं , मेरी यह कविता दिसंबर 2012 मे लिखित रचनाओं की आखरी कड़ी है |

नया वर्ष , पुराना साल

मैं और मेरे मन का ख्याल
यह नया वर्ष वह पुराण साल

यह एक बित्ता सतनाम
      वह उम्मीद की किरण
यह एक डूबता सूरज
      वह सुबह की ठंडी पवन
यह एक चमक चुकी चांदनी
      वह पूर्णिमा किसी रात
यह जिसमें बीत चुका यथार्थ
      वह आशाओं का उजला प्रभात

मैं और मेरे मन का ख्याल
यह नया वर्ष वह पुराण साल

यह जिसमें टूट गया हर सपना
      वह नई ख्वाहिशों का आंगन अपना
यह जिसमें टूट गया हौसला
      वह जो देगा नया हौसला
यह एक सुना बीहड़
      वह जैसे पतझड़ का मौसम
यह जिसमें छुटी मंजिल
      वह जिसमें जीतेंगे हर दिल

मैं और मेरे मन का ख्याल
यह नया वर्ष वह पुराण साल
.
      मेरी कविता के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें , अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

ग़ज़ल, प्यार समझने की गलती होगी

    नमस्कार , गजल कुछ इस तरीके से भी लिखी जाती है | जैसा के मैने पहले के प्रकाशनों में बताया है मैने ये गजल 2012 के दिसंबर में लिखा था | आज आपके मिजाज को समझते हुए मै ये गजल प्रकाशित कर रहा हूं |

कल तलक के ख्यालों को
प्यार समझने की गलती होगी
जो हमारे कभी थे ही नहीं
उन्हें अपना समझना गलती होगी

रेशमी जुल्फों वाली शरबती आंखो वाली
शादी की से भरी सितम होगी
चांद जैसे मुखड़े पर से आती
आकाश में नई रोशनी होगी

डर है तो सिर्फ इस दुनिया का
पर यहां परवानों को परवान चढ़ी होगी
मुशायरे की महफिल में बैठा था आज वह जाकर
वहां आज जरूर आशिकों में ग़ज़ल पढ़ी गई होगी

     मेरी गजल के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें , अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

नज्म, चाहतें यही हैं मैं आपको चाहता हूं

     नमस्कार , मेरी ये एक और छोटी सी नज्म जिसे मै आज आपके समक्ष सर्वप्रथम रख रहा हूं और चाहता हूं की आप इसे भी अपना थोड़ा सा वक्त देकर पढ़े | ये नज्म भी मैने दिसंबर 2012 में लिखी थी, इसलिए इसमें मेरी लेखनी छोटी एवं अनुभव रहित लग सकती है |

चाहतें यही हैं मैं आपको चाहता हूं

खिदमत में आपके अर्ज करता हूं
चाहतें यही हैं मैं आपको चाहता हूं

चांदी जैसे नही सोने जैसा आपका मुखड़ा है
मैं मुखड़े पर नहीं आपकी अदाओं पर मरता हूं

इंकार की कोई सूरत तो नहीं मगर फिर भी   परखता हूं
मैं आपके जवाब से नहीं आप की बेवफाई से डरता हूं

चाहे कुछ भी नहीं मिला फिर भी हिचकता नही मै
बस ऐसे ही बेइंतहा मोहब्बत को तरसता हूं

      मेरी नज्म के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें , अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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