शनिवार, 3 नवंबर 2018

कविता , यादो की रात भली होती है

    नमस्कार , यादें एक ऐसा विषय रही है जिस पर बहोत अधिक साहित्य रचित हैं | यादों पर शायरी एवं कविताओं का एक हुजूम मिल जायेगा | मेरे एहसास से मेरे नजरीये याद पर एक छोटी सी कविता आप के लिए लेकर आया हूं |

यादो की रात भली होती है

जब अंधेरे में हवाएं छली होती हैं
सच कहता हूं मैं
वो यादो की रात
भली होती है

तन्हाइयाँ भीतर से सताती हैं
तुझमे मैं हूँ
जाने क्या-क्या अहसास दिलाती है
महमाँ पड़ जाता है बताना
तस्वीरें अधजती होतीे हैं

बेकरारी का आलम रहता है
सरगर्मी का मौसम होता है
बार-बार यही आता है ख्याल
रुठने का मलाल होता है
दिलो की तकरार तली होती है

एक चिराग जलता है
मन्द हवाओ में चुप्पी साधे हुऐ
आँखों से निदे गुम होती है
दिलो में हलचल मची होती है

एकान्त रहता है मन यादो में
ख्वाबो में महोब्बत मिली होती है
वो यादो की रात
भली होती है

    मेरी कविता के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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