नमस्कार , शेरो शायरी सिर्फ संजीदा लहजे की ही नहीं होती बल्कि मजाहीया लहजे की भी होती है | जो थोड़ा तंज करती है और गुदगुदाती भी है |
कुछ मजाहिया शेर देखें के
मुसलसल तिन चार जाने चली गई तब जाकर पता चला
पागल खाने का डॉक्टर भी पागल ही था
पागल खाने का डॉक्टर भी पागल ही था
आप की नहीं मेरे नसीब की चीज है
मेरी जेब से 10 का सिक्का जीरा है जिसे मिले हो वो लौटा दे
मेरी जेब से 10 का सिक्का जीरा है जिसे मिले हो वो लौटा दे
किसी के आगे हाथ जोडा रहा हूं कहीं सजदा कर रहा हूं
उधारीया देकर अब यही कर रहा हूं
उधारीया देकर अब यही कर रहा हूं
भूतों के मोहल्ले में हंगामा हो गया
एक भूत पर किसी इंसान का साया है
एक भूत पर किसी इंसान का साया है
जब से उसे किसी इंसान ने काटा है इंसानो की तरह हरकत कर रहा है
सुना है पड़ोसी का वफादार कुत्ता गद्दार हो गया
सुना है पड़ोसी का वफादार कुत्ता गद्दार हो गया
एक स्मार्टफोन ने धमकाते हुए कॉलर नेटवर्क कोका
मुझे पुराना वाला टेलीफोन समझ रखा हे क्या
मुझे पुराना वाला टेलीफोन समझ रखा हे क्या
मेरी मजाहिया शेरो शायरी के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |