नमस्कार , ईकरार नामा ये कविता मैने करीबन तिन साल पहले लिखी थी जब यवा मन ने किसी के प्रति कुछ इसी तरह कि भावनाए जागृत हुई थी हालाकि यह कविता तब मै किसी को न सुना पाया और ना ही कहीं लिख पाया था क्यों कि तब मेरे पास इस तरह का कोई माध्यम नही था पर अब यह कविता आपके सामने है अच्छा है या बुरा यह मै आप पर छोड़ देता हुं
ईकरार नामा
मेरे प्रिय साथी
हमसफर , राही
जाने कितने दिनों से
मेरे दिल के कोने में
दबी हुई भावनाएं
मुझे तड़पाएं
मैं चाहूं जब कहना
ख्वाईसें बस तेरे संग रहना
तब मन में अजीब सी
कश्मकश कि लडी़यॉ
मुझे उलझाएं , भटकाएं
बेजुबां सा हो जाता हुं
तुझे साथ पाकर
लगता है जैसे जी लिया वर्षों
चंद लम्हे बिताकर
तेरा वो मूस्कुराना
मुझे बहोत शुकुन देता है
हमारा वो बात-बात पर लड़ना
रुठना और मनाना
चाहतें और बढा़ देता है
तुम्हे ना देखुं एक पल भी
तो बेचैन सा हो जाता हुं
तु नही जानती मैं कैसे
बिन तेरे रात बिताता हुं
तेरी यादों के सपनों को
अपने संग जगाता हुं
मेरी जिन्दगी तुम हो
मेरी आशिकी तुम हो
तेरे बिन मैं तनहा हुं
शांत होकर मेरी धड़कन सुनना
ये तुमसे कुछ कहती हैं
मैं तुमसे प्यार करता हुं
खत मे यही लिखता हुं
बस यहीं तक लिखता हुं
तुम्हारे प्यार का प्यासा
दीवाना , हमदर्द तुम्हारा
मेरी ये कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |
इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
ईकरार नामा
मेरे प्रिय साथी
हमसफर , राही
जाने कितने दिनों से
मेरे दिल के कोने में
दबी हुई भावनाएं
मुझे तड़पाएं
मैं चाहूं जब कहना
ख्वाईसें बस तेरे संग रहना
तब मन में अजीब सी
कश्मकश कि लडी़यॉ
मुझे उलझाएं , भटकाएं
बेजुबां सा हो जाता हुं
तुझे साथ पाकर
लगता है जैसे जी लिया वर्षों
चंद लम्हे बिताकर
तेरा वो मूस्कुराना
मुझे बहोत शुकुन देता है
हमारा वो बात-बात पर लड़ना
रुठना और मनाना
चाहतें और बढा़ देता है
तुम्हे ना देखुं एक पल भी
तो बेचैन सा हो जाता हुं
तु नही जानती मैं कैसे
बिन तेरे रात बिताता हुं
तेरी यादों के सपनों को
अपने संग जगाता हुं
मेरी जिन्दगी तुम हो
मेरी आशिकी तुम हो
तेरे बिन मैं तनहा हुं
शांत होकर मेरी धड़कन सुनना
ये तुमसे कुछ कहती हैं
मैं तुमसे प्यार करता हुं
खत मे यही लिखता हुं
बस यहीं तक लिखता हुं
तुम्हारे प्यार का प्यासा
दीवाना , हमदर्द तुम्हारा
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