नमस्कार , सोहर एक लोकगीत है जो मध्य प्रदेश के बघेलखंड , राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में गाया जाता है | सोहर लोकगीत नवजात बच्चे के जन्म होने की खुशी में गाया जाता है | जब मां बच्चे को जन्म देती है तो घर की बाकी औरतें बच्चे के जन्म होने की खुशी में सोहर गाती हैं | सोहर एक बहुत ही प्रचलित लोकगीत है जो कि लगभग हर हिंदी भाषी राज्य में गाया जाता है |
21 मई 2018 को मैंने भी एक सोहर लोकगीत की रचना की है इस लोकगीत को मैं आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं इस मिटती हुई लोकगीत की विधा को आपके प्यार की जरूरत है | आशा है इस सोहर लोकगीत को आपका प्यार जरूर मिलेगा -
राम जोगे जनमें ललनवा
सजाओ रे पलनावा
आज बड़ा शुभ दिन है
सजाओ रे पलनावा
आज बड़ा शुभ दिन है
बधाई हो बाबा के
बधाई हो माई के
बधाई हो दादा के
बधाई हो दादी के
आज बड़ा शुभ दिन है
बधाई हो माई के
बधाई हो दादा के
बधाई हो दादी के
आज बड़ा शुभ दिन है
आनंद भयो रे भवनमां
जुग जुग बाढ रे ललनवा
ठुमक चले रे अगनवां
आज बड़ा शुभ दिन है
जुग जुग बाढ रे ललनवा
ठुमक चले रे अगनवां
आज बड़ा शुभ दिन है
राम जोगे जनमें ललनवा
सजाओ रे पलनावा
आज बड़ा शुभ दिन है
सजाओ रे पलनावा
आज बड़ा शुभ दिन है
मेरी ये सोहर लोकगीत आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा | अगर अपने विचार को बयां करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार नयी रचनाओं के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें