नमस्कार , मैने एक नयी कविता लिखी है जिसे आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हुं मुझे आशा है कि आपको मेरी ये कविता पसंद आएगी और आप कविता के मुल भाव तक पहुंच पाएंगे
काम कि भावना
प्रकृति में सृजन कि भावना
नए जीव जनतु प्राणी जानवर फूल फल
हर बिज में अंकुरण कि भावना
दो जीवो से नए जिवन कि भावना
शुखद संयोग मिलन कि भावना
महत्वपुर्ण अखण्ड सत्य काम कि भावना
हर एक आत्मा के तन मन कि भावना
इस भावना से इतना संकोच क्यो ?
इस पवित्र भावना पर संदेह क्यो ?
सत्य है भाव यह ज्यो सत्य है परमात्मा
परमात्मा का आत्मा से विभेद क्यो ?
निवेदन है , क्रीड़ा है , आनंद है प्रेम कि भावना
प्रतीक्षा स्वेच्छा प्रसन्नता है काम कि भावना
मेरीे ये कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |
इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
काम कि भावना
प्रकृति में सृजन कि भावना
नए जीव जनतु प्राणी जानवर फूल फल
हर बिज में अंकुरण कि भावना
दो जीवो से नए जिवन कि भावना
शुखद संयोग मिलन कि भावना
महत्वपुर्ण अखण्ड सत्य काम कि भावना
हर एक आत्मा के तन मन कि भावना
इस भावना से इतना संकोच क्यो ?
इस पवित्र भावना पर संदेह क्यो ?
सत्य है भाव यह ज्यो सत्य है परमात्मा
परमात्मा का आत्मा से विभेद क्यो ?
निवेदन है , क्रीड़ा है , आनंद है प्रेम कि भावना
प्रतीक्षा स्वेच्छा प्रसन्नता है काम कि भावना
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