शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

कविता , गुरूओं को नमन

कविता , गुरूओं को नमन


    नमस्कार , आप सभी को गुरू पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ | एक इंसान के जीवन में जो स्थान इसके गुरू का होता है वह शायद ही किसी और का हो सकता है | गुरू ही वह शक्स हैं जो हमें सही ज्ञान देते हैं | हमे सही और गलत का भेद बताते है | हमारे शास्त्रों में कह गया है की गुरू का दर्जा भगवान से भी बड़ा होता है |

    गुरू पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर मैं आप के साथ मेरी लिखी एक कविता आपके साझा कर रहा हूं जिसे मैं ने आज ही लिखा है | मुझे उम्मीद है कि ये कविता आप को पसंद आयेगी -

गुरुजनों को नमन

गुरू से ही ज्ञान है
गुरु से ही विज्ञान
गुरु से ही शिष्य हैं
गुरु से ही शिक्षा
अज्ञानी मन को ज्ञानी बनाती
गुरुओ से मिली दीक्षा
ईश्वर से बड़ा पद गुरु का
सबसे ऊंचा रुतबा
गुरु से ही भाषा सीखी
गुरु से ही सीखे सत्य वचन
सभी गुरुजनों के चरणों में
शत शत नमन

       मेरी कविता के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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