शनिवार, 25 अगस्त 2018

कविता , सिर्फ राखी नहीं बांधी है , भईया

    नमस्कार , आप को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ | सबसे पहले तो मैं आशा करता हूं कि मेरी इस रचना को पढ़ने वाले/वली अगर आप एक बहन है तो आप अपने भाई के साथ हों और अगर आप एक भाई हैं तो आप अपनी बहन के साथ हों , मेरी तरह आज के दिन भी अपनी दीदी से दुर ना हों | मेरी अब तक गूजरी जिंदगी का ये पहला रक्षाबंधन है जब मै आज के इस पावन दिन पर अपनी बहन के साथ नही हूं | रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है | आज के दिन हर भाई अपनी कलाई पर राखी बंधवाकर खुद को गौरवान्वित महसूस करते है और बहन भाई की कलाई पर राखी बांधकर स्वयं को खुशनसीब समझती हैं | जैसा की रिवाज है जब बहनें राखी बांध लेती है तो भाई उन्हें उपहार देते हैं ये उपहार कोई वस्तू , आभूषण या धन होता है |

कविता , सिर्फ राखी नहीं बांधी है , भईया
    आज के इस पावन दिन पर एक बहन अपने भाई की कलाई पर शिर्फ राखी नही बांधती बल्कि अपना स्नेह , उम्मीदें एवं दुआएं भी लपेटकर बांधतीं हैं और उपहार स्वरुप शिर्फ कोई वस्तू , आभूषण या धन नही चाहती | आज के पावन दिन को समर्पित बहनों कि भावनाओ को समेटे हुए मेरी एक नयी कविता आप के संग साझा कर रहा हूं | उम्मीद है कि मेरी ये कविता आप को पसंद आयेगी |

कविता , सिर्फ राखी नहीं बांधी है , भईया


सिर्फ राखी नहीं बांधी है , भईया

मैंने तुम्हारे हाथों में
सिर्फ राखी नहीं बांधी है
भईया
अपना विश्वास बांधा है
अपने दुआएं बांधी हैं
अपनी उम्मीदें बांध हैं
सिर्फ राखी नहीं बांधी है
भईया

आप मेरी जमाने भर की बुराइयों से
हमेशा रक्षा करोगे
जीवन के हर कठिनाइयों में
हर पल मेरे साथ रहोगे
आपका स्नेह मुझे सदा मिले
आपके और मेरे रिश्ते की
गरिमा का ताज बांधा है
सिर्फ राखी नहीं बांधी है
भईया

आपको कभी कोई गम ना सताए
दुख-दर्द आप को छू तक ना पाए
माता पिता के आंखो के तारे हो
भाई मेरे दुलारे हो
एक धागे में सारे जहां की
खुशियों का उपहार बांधा है
सिर्फ राखी नहीं बांधी है
भईया

    मेरी कविता के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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