सोमवार, 6 जनवरी 2020

हास्य व्यंग कविता . बोलो प्याज कि जय

     नमस्कार , मैने एक नयी हास्य व्यंग कविता लिखी है जिसे आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हुं मुझे आशा है कि आपको मेरी ये कविता पसंद आएगी और आप कविता के मुल भाव तक पहुंच पाएंगे

बोलो प्याज कि जय

मंहगे हो गए प्याज
सब्जी होगयी बेस्वाद
कैसे खाए सलाद
बोलो प्याज कि जय

पडी है महगाई कि लात
मत करो पकौडो कि तुम बात
सरकार नींद से जागी आज
बोलो प्याज कि जय

प्याज के बढ गए हैं नखरे
सरकार बता रही है प्याज खाने के खतरे
प्याज के शौखिनों के चेहरे फिर से उतरे
बोलो प्याज कि जय

      मेरीे ये हास्य व्यंग कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस हास्य व्यंग कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार | 

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