नमस्कार , मैने एक नयी गजल कहने कि कोशिश कि है गजल का मतला और कुछ शेर यू देखें कि
ये तो गलतफहमी है कि मेरा दिल टूटा है
दिल नहीं टूटा बस एक भरम टूटा है
जिस ने दी है ये खबर बेबुनियाद है
जिसने तुमको बताया है बहोत झुठा है
बस इसीलिए नही खाते भाई भाई एक थाली में
ये जो खाना है उसका जुठा है
कौन लाएगा तवस्सुम मेरे चेहरे पर
जो मेरा खुदा है वही मुझसे रुठा है
ये कैसा रोना है के आंख नम ही नही होती
फेसबुक पर रोने का ये नया तरीका है
तुम जो समझते हो तनहा वो गम नही है मुझको
गम तो ये है के एक अच्छा यार छुटा है
मेरी ये गजल अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |
इस गजल को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
ये तो गलतफहमी है कि मेरा दिल टूटा है
दिल नहीं टूटा बस एक भरम टूटा है
जिस ने दी है ये खबर बेबुनियाद है
जिसने तुमको बताया है बहोत झुठा है
बस इसीलिए नही खाते भाई भाई एक थाली में
ये जो खाना है उसका जुठा है
कौन लाएगा तवस्सुम मेरे चेहरे पर
जो मेरा खुदा है वही मुझसे रुठा है
ये कैसा रोना है के आंख नम ही नही होती
फेसबुक पर रोने का ये नया तरीका है
तुम जो समझते हो तनहा वो गम नही है मुझको
गम तो ये है के एक अच्छा यार छुटा है
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