मंगलवार, 3 जुलाई 2018

कविता , बेटी पापियों का सर्वनाश चाहती है

  नमस्कार ,  बड़ा दुख होता है यह सुनकर , जानकर कि बेटियों , बहनों पर होने वाले अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे बल्कि दिन पर दिन बढते ही जा रहे हैं | अपराध करने वालों में कानून का कोई डर नहीं है . तकरीबन 5000 बलात्कार की घटनाएं अकेले हमारे मध्य प्रदेश में हर साल होती है | अभी तकरीबन तीन चार महीने पहले  कश्मीर के कठुआ में एक 8 साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था , उस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था | उस मासूम बच्ची के अपराधियों को अभी तक सजा भी नहीं मिल पाई थी कि आज से तकरीबन तिन चार दिन पहले मध्य प्रदेश के मंदसोर में एक सात साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार जैसा जघन्य अपराध हुआ | जब इस घटना के बारे में मैंने न्यूज़ चैनलों पर सुना तो इस घटना ने मुझे मन ही मन तोड़कर रख दिया |

   मन मे हजारों कोलाहल लिए मैं उन सभी बेटियों बच्चियों की आवाज बनना चाहता था जिनके साथ बलात्कार जैसा जघन्य निंदनीय और मानवता को शर्मसार करने वाला अपराध हुआ है | मेरी कोशिश में मैंने एक कविता लिखी है ,  जिसे मैं आज आपके साथ साझा कर रहा हूं | यदि मेरी यह कविता आपको अपने दिल की भी आवाज लगे तो मैं चाहूंगा की बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ आप इस कविता को अपने विरोध का स्वर बना ले -

कविता , बेटी पापियों का सर्वनाश चाहती है

बेटी पापियों का सर्वनाश चाहती है

आज अपने दुखों की कहानी कहती है
हर गली मोहल्ले में वह डरती है
जब कोई नजर उसे घूरने लगे
मन ही मन वह घबराती है
अपने पर हुए अन्याय का न्याय चाहती है
बेटी पापियों का सर्वनाश चाहती है

कभी दिल्ली , कभी कठुआ
कभी उन्नाव , कभी मंदसोर
कब तक चलेगा पाप का ये दौर
अब हममें और सहने की शक्ति नहीं है
पापियों को कानून का डर क्यों नहीं है
अपने जख्मो का हिसाब चाहती है
बेटी पापियों का सर्वनाश चाहती है

कब होगा ऐसा मैं डरूंगी नहीं
कब होगा ऐसा मैं मरूंगी नहीं
कब होंगी हमारी सड़कें सुरक्षित
कब महसूस करूंगी मैं कानून से रक्षित
निर्भय जीने का विश्वास चाहती है
बेटी पापियों का सर्वनाश चाहती है

    मेरी कविता के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार

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