शनिवार, 14 मार्च 2020

नज्म , आओ दिल्ली दिखाउं मैं तुमको

      नमस्कार , 24 और 25 फरवरी को जब अमेरिका के राष्टपति डोनाल्ड ट्रंप सह परिवार दो दिवसीय भारत दौरे पर आए थे तब उत्तरपुर्वी दिल्ली में हुए दंगों में अब तक 38 से ज्यादा लोगों के मौत कि खबर हैं और 200 से ज्यादा लोग घायल हैं जिसमें 60 से ज्यादा दिल्ली पुलिस के जवान है साथ हि दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल शहिद हुए हैं| | इस दंगे कि गंभीरता को इस बात से समझीए कि इसमें 70 से ज्यादा लोगों को बंदुक कि गोलीयां लगी हैं और आईबी के यूवा ऑफिसर अंकित शर्मा को दंगाई भीडं ने उनके घर से खिचकर लेजाकर आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के घर मे लेजाकर मार डाला और उनकी लाश को नालें में फेंक दिया | मैने जब अंकित कि मां को चिख चिख कर रो कर सारी घटना मिडिया को बताते हूए बेब न्युज मिडिया पर सुना तो वह रोती बिलकती हुई आंशुओ से भरी हुई आंखे मेरे दिल में घर कर गई तब मैने एक नज्म कहने कि कोशिश की है कि

आओ दिल्ली दिखाउं मैं तुमको

खून के छींटे दिखाउं मैं तुमको
लाशों की गिनती बताऊं मैं तुमको
जिनके बेटे कत्ल किए गए हैं
उन मांओ कि चीखें सुनाउं मै तुमको
आओ हकिकत बताउं मै तुमको
आओ दिल्ली दिखाउं मै तुमको

नफरत कि आग लगाई गई थी
भीडं एक धर्म के खिलाफ भडंकाई गई थी
घरों से खिंचकर बेटों कि जान लेली गई है
चुन चुन कर मंदिर जलाई गई थी
मांए रो रो कर बेसुध हुई हैं
अब कितने आंशु दिखाउं मै तुमको

सारा शहर पत्थरों से भर गया है
डर तो जहन में घर कर गया है
वो मां खुद को संभालेगी कैसे
जिसका बेटा कल मर गया है
ऐसी कितनी दास्तानें हैं
बोलो कितनी सुनाउं मैं तुमको

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      इस नज्म को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार | 

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