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सोमवार, 30 सितंबर 2019

भोजपुरी लोकगीत, बनलबा मूड रानी

     नमस्कार, आज मैने एक नया भोजपुरी लोकगीत लिखा है जिसे मैं आपके अपने साहित्य के आंगन में रख रहा हूं, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरा ये लोकगीत अच्छा लगेगा |

आजु कुछ नही मिली
झनी हमरा फेरा में आब
कर झनी माना रानी
हमरा कोरा में आब
पुरा ना होई जउन तोहर
आजु राती के डिरीम बा
आब , बनलबा मुड रानी
लाइट भी डिम बा

जहिआ ले नथिया कीन के न लईब
तबले निमन समान के नेमान नाही पईब
एक करवटी में नीद नाही लागी
पुरा राती भूखाइल रह जईब
हाली बोल तोहर आगे के का स्कीमबा
ए आब , बनलबा मुड धनी
लाइट भी डिम बा

बात हमार मान गोरी लगे तू आब
मोकाबा मिलल जानू फयदा उठाब
कर ल प्यार के प्यार से क़बूल रानी
झूठे के ढेरे बहाना न बनाब
तोहरे चाहत के रंग हमरा दिल के थीमबा
ए सुनना , बनलबा मुड धनी
लाइट भी डिम बा

      इस भोजपुरी लोकगीत और मेरे बाकी के प्रकाशित सभी लोकगीतों के विषय में में एक सुचना बताना चाहता हूं कि यदि आप एक गायक, संगीतकार, संगीत निर्माता या संगीत निर्देशक हैं और यदि आप इन लोकगीतों में से किसी को भी गाना या संगीतबद्ध करना चाहते हैं तो आप मुझे email कर सकते हैं या आप मुझे मेरे instagram पर मैसेज कर सकते हैं |

      मेरी ये भोजपुरी लोकगीत अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस लोकगीत को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

शनिवार, 21 सितंबर 2019

भोजपुरी लोकगीत, पहीले खिड़की के पाला सटा ली, केवाडी के कीली लगा ली

    नमस्कार, वैसे तो रह भाषा ही बहोत मिठी होती है मगर भोजपुरी भाषा के लिए यह कहा जाता है कि दुनिया कि सबसे मीठी भाषा है भोजपुरी भाषा भारत के कई उत्तर भारतीय राज्यों में बोली एवं समझी जाती है मगर फिर भी भोजपुरी भाषा आज भी मात्र एक बोली है इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त नहीं है |भोजपुरी भाषा की अपनी एक फिल्म इंडस्ट्री है जिसे भोजबुड कहते हैं जो काफी मसहूर एवं कामयाब होती हुई फिल्म इंडस्ट्री है | इसी भाषा की मधुरता पर मोहित होकर मैने दो नए भोजपुरी लोकगीत लिखे है जिनमे से दूसरा इस तरह है

उपरउछता हमार मोहब्बत के पानी ए रानी
आव तोहके सीना से सटा ली
एजी हटी , पहीले खिड़की के पाला
सटा ली , केवाडी के कीली लगा ली

बड़ी भाग से मिलल आजू के रात बा
केतना हसीन तोहर हमार मुलाकात बा
प्यार में पागल हमनी के दू पंछी
आज इ सारी कायनात हमनी के साथ बा
चलाइ प्यार के गाड़ी आव मोमबत्ती जला ली
एजी हटी , पहीले खिड़की के पाला
सटा ली , केवाडी के कीली लगा ली

सात जनम के साथ बा मिलल खिलल फूलवा गुलाब के
सोलह सिंगार अउर सोना के सुघराई ओहु पर रुप महताब के
सांच भईल आज रोज देखल हर सपनवा
लागे जईसे पुरा हो कउनो मोहब्बत के कहानी किताब के
मन करे तोहके कोरा में उठा ली
एजी हटी , पहीले खिड़की के पाला
सटा ली , केवाडी के कीली लगा ली

उपरउछता हमार मोहब्बत के पानी ए धनी
आव तोहके सीना से सटा ली
एजी हटी , पहीले खिड़की के पाला
सटा ली , केवाडी के कीली लगा ली

      मेरी ये भोजपुरी लोकगीत अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस भोजपुरी लोकगीत को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

भोजपुरी लोकगीत, ए हमार धनी हमके उ दे द ना

    नमस्कार, वैसे तो रह भाषा ही बहोत मिठी होती है मगर भोजपुरी भाषा के लिए यह कहा जाता है कि दुनिया कि सबसे मीठी भाषा है भोजपुरी भाषा भारत के कई उत्तर भारतीय राज्यों में बोली एवं समझी जाती है मगर फिर भी भोजपुरी भाषा आज भी मात्र एक बोली है इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त नहीं है |भोजपुरी भाषा की अपनी एक फिल्म इंडस्ट्री है जिसे भोजबुड कहते हैं जो काफी मसहूर एवं कामयाब होती हुई फिल्म इंडस्ट्री है | इसी भाषा की मधुरता पर मोहित होकर मैने दो नए भोजपुरी लोकगीत लिखे है जिनमे से पहला इस तरह है

नाही चाही केहू अउर से तू दे द ना
ए हमार धनी हमके उ दे द ना

तोहार बाली उमर जइसे पानी के लहर
सुराही के नियन के तोहार पतली कमर
इ काने के बाली इ ओठवा के लाली
दिलवा पर हमरे गीरावता कहर
आज लव के डोज हमके लव गुरू दे द ना
ए हमार रानी हमके उ दे द ना

ए राजाजी तोहार परपोजल हम करतानी खारिज
झूठे के हमार ऱउआ करतानी तारीफ़
आज कुछो ना मिली साधा जाई आफिस
बीन मौसम के हमरा पर करतानी प्यार के बारिश
हमके घर के ठेर काम से निजात केहू दे द ना

नाही चाही केहू अउर से तू दे द ना
ए हमार दिलजानी हमके उ दे द ना
नाही चाही केहू अउर से तू दे द ना
ए हमार धनी हमके उ दे द ना

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शनिवार, 6 अप्रैल 2019

भोजपुरी लोकगीत, चोली में हमरा पैटर्न लाकबा

     नमस्कार , आज इंटरनेट की क्रांती ने आज हर भषा को लाभ पहुँचाया है यही वजह है की न शिर्फ राष्टीय भाषा बल्कि क्षेत्रीय भाषाओ की पहोच में बहोत इजाफा हुआ है | मैं यहा मेरी लिखी एक नयी भोजपुरी लोकगीत आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं

एकर वाईफाई कनेक्शन पियवा के पासबा
सून ए देवरु
चोली में हमरा पैटर्न लाकबा

जवानी के फयदा केहु अउर न उठाई
अनजान कनेक्शन जुडहु न पाई
हमार जोबना पोरटेक्टेड बा ए देवरजी
माजा जे चाही त भईया से अपना पासवर्ड लाई
हमार इहे निहोरा तोहरे से आजबा
सून ए देवरु
चोली में हमरा पैटर्न लाकबा

एनो ओने छुई ना रांग होजाई
गलत डलला से जवानी के सिस्टम हैंग होजाई
झिन करी बरियारी मान जाई बलिया
राउर भईया के नोटिफिकेशन सेंड हो जाई
जाई देंखे आई गउआं में आज मुन्नी के नाचबा
सून ए देवरु
चोली में हमरा पैटर्न लाकबा

एकर वाईफाई कनेक्शन पियवा के पासबा
सून ए देवरु
चोली में हमरा पैटर्न लाकबा

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भोजपुरी लोकगीत, तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए

     नमस्कार , आज इंटरनेट की क्रांती ने आज हर भषा को लाभ पहुँचाया है यही वजह है की न शिर्फ राष्टीय भाषा बल्कि क्षेत्रीय भाषाओ की पहोच में बहोत इजाफा हुआ है | मैं यहा मेरी लिखी एक नयी भोजपुरी लोकगीत आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं

तोहरा जईसन बनावल अब छोड़ देले होइहए
भगवानजी तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए

कान के बाली ओठवा के लाली
काली रे केसिया बिंदीया के लाली
मुस्की बा अइसन जइसे फूलेला गुलाब
जान मारे तोहरे चोलीया के जाली
लागे हमार नसीब तोहसे जोड देले होइहए
भगवानजी तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए

सोलह के उमरिया पातर कमरिया
मिलाब न हमरा से अइसे नजरिया
बहिया में आजा करेजा में समाजा
बन गईलु धनिया ए हो रनिया
बस तोहके लिखके पेज मोड देले होइहए
भगवानजी तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए

तोहरा जईसन बनावल अब छोड़ देले होइहए
भगवानजी तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए

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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019

भोजपुरी लोकगीत, छोट बाडें सईया जी मोट बाडें सईया जी

नमस्कार , मैने एक भोजपुरी लोकगीत लिखी है जिसे मैं आपके सामने हाजिर कर रहा हूं मुझे उम्मीद है कि ये लोकगीत आपको अच्छी लगेगी

का कहीं तोहसे अपना कहनी
सेज पर हमरा रसे ना जवानी
चाहत रहनी ना अईसन मरदा
सौ सौ के खुल्ला नोट बाडें सईया जी
ए भौजी हो
छोट बाडें सईया जी , मोट बाडें सईया जी

पहीला राती हमार नथुनी उतार के
सुत गईले दुनो टगरी पसार के
सब गुन बाटे पियवा में हमरा
बाकी गुन नईखे कउनो भोजपुरीया भतार के
मोहब्बत के खेला में अभोट बाडें सईया जी
ए भौजी हो
छोट बाडें सईया जी , मोट बाडें सईया जी

कईसे होखे सेज पर लडाई
कईसे जवानी के माजा उठाई
कहलें के हमरा निक ना लागता
जब जब हम ठीबरी बुताई
हमरा त लागे डरपोक बाडें सईया जी
ए भौजी हो
छोट बाडें सईया जी , मोट बाडें सईया जी

     मेरी यह भोजपुरी लोकगीत अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

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भोजपुरी लोकगीत, सबर के फल बहुत मिठ लागी रानी

    नमस्कार , मैने एक भोजपुरी लोकगीत लिखी है जिसे मैं आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं मुझे उम्मीद है कि ये लोकगीत आपको पसंद आयेगी

नोकरी के फेरा में शहर घुमतानी
पानी के बीना हमार जरता जवानी
हमरा लागे मोहब्बत के सगरो बतीया
हमसे झूठ कहतानी
तनी धीर त ध र
सबर के फल बहुत मिठ लागी रानी

अठारह के बाटे काचे उमरीया
पोर पोर उठे बदन में लहरिया
बुझी न हमरा दिल के परशानी
जाई न आजु दिल्ली शहरीया
चाहत की अगिया में हम जर तानी
तनी धीर त ध र
सबर के फल बहुत मिठ लागी रानी

चार महिना वियाहे के भईल
तिन महिना से बाड बहरा गईल
सहले सहाई अब इ जुदाई
मिली न जवानी जे एक बेरी गईल
केतना दिने ले पी हम फिरीज के पानी
तनी धीर त ध र
सबर के फल बहुत मिठ लागी रानी

      मेरी यह भोजपुरी लोकगीत अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

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मंगलवार, 2 अप्रैल 2019

भोजपुरी लोकगीत , आसमानी कलर की ओढ़नीयां

     नमस्कार , मैने एक भोजपुरी लोकगीत लिखी है जिसे मैं आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं मुझे उम्मीद है कि ये लोकगीत आपको पसंद आयेगी

देखी दूध के गोराई आवे मुहँवा में पनिया
आसमानी कलर की ओढ़नीया से रनिया ढाक ल जवनीया

मन के हमार शरधा पुरा द
दिल में अपना हमके बसाल
धडकन के जईसे दिल में बसाईब
देखल सपनवा तोहर पुराईब
मागे सेन्हुरा लगाके बनजा न हमार धनिया
आसमानी कलर की ओढ़नीया से रनिया ढाक ल जवनीया

आसमान से उतरल लागताडू गोरी
जइसे होखी चॉद के चकोरी
हमरा के देखी मंद मुस्का के
दिलवा हमार कर लेलू चोरी
हमारा जिनगी में आजा बनके कनिया
आसमानी कलर की ओढ़नीया से रनिया ढाक ल जवनीया

देखी दूध के गोराई आवे मुहँवा में पनिया
आसमानी कलर की ओढ़नीया से रनिया ढाक ल जवनीया

     मेरी यह भोजपुरी लोकगीत अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

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