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रविवार, 29 मार्च 2020

भजन , राधा रंग लगाने दे , मोहे रंग लगाने दे

     नमस्कार , होली के पावन पर्व पर मैने एक नया भजन लिखा है जिसे मै आपके दयार में हाजिर कर रहा हुं |

आज होली है होली मनाने दे
राधा रंग लगाने दे , मोहे रंग लगाने दे

क्यो रुठी है मै ना जानु
मै तो तुझको अपना मानु
तेरे बुलाने बंसी बजाउं
देख ना तुझको कितना मानु
आज रोको ना , रंगसे तेरी चुनरी भीगाने दे
राधा रंग लगाने दे , मोहे रंग लगाने दे

नाक कि नथनी झाली खो गई
कल यमुना किनारे बाली खो गई
मईया डांटेगी कान्हा मुझको
गर नयी चुनरी काली हो गई
मरोड़ ना कलाई , छोड़ मोहे जाने दे
राधा रंग लगाने दे , मोहे रंग लगाने दे

आज होली है होली मनाने दे
राधा रंग लगाने दे , मोहे रंग लगाने दे

    मेरा ये भजन अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस भजन को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
 

शनिवार, 14 मार्च 2020

भजन , जपो नम: शिवाय , बोलो नम: शिवाय

       नमस्कार , आपको शिव उपासना के सबसे बडे़ पुर्व महाशिवरात्री कि आपको हार्दीक शुभकामनाए | महाशिवरात्री के पावन पर्व पर मैने एक नया भजन लिखा है जिसे मै आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हुं इस विश्वास के साथ कि यह आपको प्रसंद आएगा |

बस नाम लेले हि कष्ट सारे कट जाएं
जपो नम: शिवाय , बोलो नम: शिवाय

बाबा देवो के देव
बाबा भुतों के स्वामी
बाबा कालों के काल
मां गौरा के स्वामी

भक्ति से पुकारो तो बिगडे. काम बन जाएं
जपो नम: शिवाय , बोलो नम: शिवाय

हाथ में त्रिशुल माथे पे चंदा
गले में शोभे शेसनागजी का फंदा
निलकंठ भुतनाथ त्रीनेत्रधारी
डमरु बजाएं जटा में मां गंगा

आओ सब मिलकर शिव गुण गाए
जपो नम: शिवाय , बोलो नम: शिवाय

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शनिवार, 13 अप्रैल 2019

भजन, मेरी लेखनी में उतरआ मां मै तुझे बुलाता हूं

     नमस्कार , आज मै आप को मेरी कुछ दिन पहले लिखी मेरे जीवन की पहली सरस्वती वंदना सुना रहा हूं मुझे इस बार पुरा विश्वास हैं कि मेरी ये छोटी सी सरस्वती वंदना आपको पसंद आएगी

मेरी लेखनी में उतरआ मां मै तुझे बुलाता हूं

मेरे हर राग हर छंद का सार मुझे बनाता हूं
तेरे कमल चरणों में अपना सिर झुकाता हूं
हे मां वीणावादीनी तेरी अर्चना में अपने शब्द चढाता हूं
मेरी लेखनी में उतरआ मां मै तुझे बुलाता हूं

सारे अलंकार तेरे ही
सारे रस तुझसे ही
तेरे आने की आशा में
मैं अपना आंगन किताबों से सजाता हूं
मेरी लेखनी में उतरआ मां मै तुझे बुलाता हूं

सातों सुर तेरे उपासक
सारे राग तेरे सेवक
हे मां उसे संगीतमय करदे
जैसा भी हो मै जो कुछ भी गाता हूं
मेरी लेखनी में उतरआ मां मै तुझे बुलाता हूं

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गुरुवार, 18 अक्तूबर 2018

भजन , नौ दिन हर एक साल में

   नमस्कार , नवरात्रि का आज नौवां एवं अंतिम दिवस है , आज के दिन शक्ति के नौवीं रुप यानी मां दुर्गा की पुजा होती है | अपनी पिछली पोस्ट मे किये अपने वादे के अनुसार आज मैं माता रानी के चरणों में समर्पित करते हुए एक भजन आप की उपस्थिति में रख रहा हूं | मुझे उम्मीद है के आप भी मेरी तरह ही आज साम जब मां दुर्गा की पुजा करेंगे तो मेरे इस भजन को जरूर गाएंगे |

भजन , नौ दिन हर एक साल में

नौ दिन हर एक साल में
मईया रानी रहती है
अपने हर पंडाल में

पाप की है मईया विनाशक
हम हैं माता तेरे उपासक
दरस दिखा दे माता हमको
हम ना मानेंगे किसी हाल में

नौ दिन.........

सद्बुद्धि दे हमें मां भवानी
तू है सारे जग में ज्ञानी
विनती सुन लो माता मेरी
बेटा है कस्टों के जंजाल में

नौ दिन हर एक साल में
मईया रानी रहती है
अपने हर पंडाल में

    मेरी भजन के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

गुरुवार, 28 सितंबर 2017

मेरी बिनती सुन लो दुर्गा मां

   आप सबको नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं एवं मंगलकामनाएं | नवरात्रि श्रद्धा एवं आस्था का वह पर्व है जिसमें मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा अर्चना की जाती है | हिंदी महीनों के अनुसार यह पर्व क्वार के महीने में मनाया जाता है इसलिए इसे क्वारीय नवरात्रि या दुर्गा नवरात्रि भी कहा जाता है | नवरात्रि का यह पर्व उत्तर भारत एवं मध्य भारत के राज्यों में विशेष रुप से मनाया जाता है | नवरात्रि पर्व के 9 दिनों के बाद दसवा दिन दशहरा होता है |

दुर्गा मां

    दुर्गा नवरात्रि बहुत ही हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है | जगह-जगह दुर्गा पंडालों में दुर्गा मां की मूर्तियां स्थापित की जाती है एवं पूजा आराधना की जाती है | नवरात्रि के इस पर्व पर मां दुर्गा के चरणों में समर्पित करते हुए मैंने एक भजन लिखने की कोशिश की है | मेरी कल्पना है कि मेरा लिखा यह भजन मां दुर्गा के प्रति मेरी आस्था एवं भक्ति भाव का पूर्ण रूप से प्रतिनिधित्व करेगा -

दुर्गा मां , दुर्गा मां

दुर्गा मां , दुर्गा मां
मेरी बिनती सुन लो दुर्गा मां
काली मां , जगदंबे मां
हम पर दया करो अंबे मां

मां तेरे बेटे ने तुझे पुकारा है
मां बस तेरा ही एक सहारा है
सुना है तू है ममता का सागर
मुझे भी अपने शरण में ले ले
ज्योतावाली मां
काली मां , जगदंबे मां
हम पर दया करो अंबे मां

देवता भी तेरी आरती उतारे
सारे जग को देती है तु उजियारे
मेरे दुखों को भी हर लो
पहाड़ावाली मां
काली मां , जगदंबे मां
हम पर दया करो अंबे मां

दुर्गा मां , दुर्गा मां
मेरी बिनती सुन लो दुर्गा मां
काली मां , जगदंबे मां
हम पर दया करो अंबे मां

    यह भजन आपको कैसा लगा मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताएं | मेरे विचार को व्यक्त करते वक्त अगर शब्दों में मुझसे कोई त्रुटि हो गई हो तो मै इसके लिए छमा प्रार्थी हूं | मेरी एक नई भावना को व्यक्त करने मैं जल्द ही आपसे बातें करने वापस आऊंगा , तब तक अपना ख्याल रखें , अपनों का ख्याल रखें , बड़ों को सम्मान दें , छोटो से प्यार करें , नमस्कार |

बुधवार, 12 जुलाई 2017

सावन का सोमवार . मेरे भोले बाबा मुस्काए


भगवान शिव

        सावन का महीना अपने साथ बरसात के साथ साथ बरसात की हल्की फुल्की मस्तियां लाता है |यही वह महीना है जिसमें भारत का सबसे बड़ा और पवित्र त्योहार रक्षाबंधन आता है | रक्षाबंधन वह पर्व है जिसमें बहने भाइयों की कलाइयों पर राखियां बनती हैं और उनके जीवन की मंगल कामना करती हैं , साथ ही साथ अपनी सुरक्षा का वचन भी चाहती हैं | सावन का महीना सिर्फ इसलिए खास नहीं है कि इस महीने में रक्षाबंधन आता है या इंद्रदेव पूरी मेहरबानी के साथ बरसा करते हैं |

     
सावन का पूरा महीना ही शिव भक्तों के लिए त्यौहार के समान है | सावन के हर सोमवार को शिवजी के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के और भारत ही नहीं पूरी दुनिया के समस्त शिव मंदिरों में शिवभक्त जलाभिषेक करते हैं एवं पूजा कि जाती है | सावन के हर सोमवार को कुंवारी लड़कियां एवं महिलाएं उपवास करती हैं | ऐसा कहा जाता है कि शिव जी सबसे अच्छे पति थे इसीलिए इस दिन कुंवारी लड़कियां शिवजी की तरह ही अच्छे पति की मनोकामना लिए सावन के सोमवार का उपवास करती हैं एवं भोलेनाथ को प्रसन्न करने की कोशिश करती हैं | शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत करती हैं |

   
भगवान शिव की कृपा प्राप्ति का भाव लिए  मैंने पहली बार भगवान शिव के चरणों का वंदन करते हुए एक भजन लिखने की कोशिश की है | भगवान शिव की प्रार्थना करते हुए मुझे उम्मीद है कि मेरा लिखा यह भजन मेरे और आप सबके इष्ट शिव की भक्ति करेगा | भजन इस तरह है -

भगवान शिव

मेरे भोले बाबा मुस्काए
मेरे भोले बाबा मुस्काए
हम शिव के भजन मिल गए

मेरे भोले बाबा को भांग पसंद है
मेरे भोले बाबा को धतूर पसंद है
हम बेलपत्र , फूल सब चढ़ाएं
हम शिव के भजन मिल जाए

मेरे भोले बाबा मुस्काए
हम शिव के भजन मिल गए

मेरे भोले बाबा दयालु हैं
मेरे भोले बाबा कृपालु है
हम चलो रुठे शिव को मनाए
हम शिव के भजन मिल गए

मेरे भोले बाबा मुस्काए
हम शिव के भजन मिल गए

मेरे भोले बाबा मुस्काए
मेरे भोले बाबा मुस्काए
हम शिव के भजन मिल गए
हम शिव के भजन मिल गए
हम शिव के भजन मिल गए

     
साबन का यह महीना सफलताओं एवं खुशियों से भरा हो यह मेरी प्रार्थना है | सावन का हर सोमवार शिव की भक्ति से ओतप्रोत हो तथा हम सभी को भगवान शिव की कृपा दृष्टि प्राप्त हो | भगवान शिव की भक्ति पाकर  हम सभी का जीवन कल्याणकारी बने |

  
मेरा यह भजन आपको कैसा लगा मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा, कृपया ब्लागस्पाट के कमेंट बॉक्स में सार्वजनिक कमेंट ऐड करिएगा | अगर अपने विचार को बयां करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |

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