बुधवार, 30 दिसंबर 2020

कविता , आओ 2021 आओ

      नमस्कार , सबसे पहले आपको नए वर्ष 2021 की हार्दीक शुभकामनाएं | 2021 से कई उम्मीदे जताते हुए मैने एक कविता लिखी है जिसे मैं आपसे सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं कैसी रही मुझे जरुर बताइएगा |


आओ 2021 आओ


आओ 2021 आओ

उम्मीदों की नई रोशनी लाओ

खुशखबरी की वैक्सीन लगाकर

महामारी को मार भगाओ

आओ 2021 आओ


मन के सारे गम मिटाओ

खुशहाली हर घर लाओ

नए सपनों के पंख लगाकर

सब का जीवन स्वर्ग बनाओ

आओ 2021 आओ


फिर इतिहास मत दोहराना

2020 की तरह मत आना

आओ तुम ऐसे के सब कहे

कुछ और बरस रुक जाओ

आओ 2021 आओ

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      इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

कविता , कलमुहे 2020

       नमस्कार , जैसा की आज 2020 का आखरी दिन है तो इस वर्ष की तमाम कड़वी यादों को दुनियां और अपने स्वयं के नजरिये से देखते हुए मैने एक छोटी सी कविता पिरोयी है जिसे मैं आपकी हाजिरी में रख रहा हूं अब आप पढ़कर बताए की आप की राय में यह साल 2020 कलमुहा है या नही |


कलमुहे 2020


जा कलमुहे 2020 जा

फिर कभी लौट कर ना आना

भुल कर भी मुह ना दिखाना


मेरा बस चले तो तेरा विनाश कर दूँ

विनाश ही क्या सर्वनाश कर दूँ

मैं तुझे मिटा दूँ अपने ख्वाबों से ख्यालों से

तू ने दूर कर दिया अपनों को 

अपने चाहनेवालों से


लाखों लोगों कों मौत के 

घाट उतार दिया तू ने

मेरे करियर का सारा प्लान

बिगाड़ दिया तू ने

अब नयी सहर के 

आने का इंतजार है मुझे

और तेरे बीत जाने का

इंतजार है मुझे

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गुरुवार, 3 दिसंबर 2020

ग़ज़ल , दुल्हा और दुल्हन कि जात मिलनी चाहिए

      नमस्कार , आज ही मैने एक नयी ग़ज़ल लिखी है तो सोचा के क्यों न आपके साथ साझा की जाए कैसी रही मुझे अपने विचार जरुर बताइएगा |

ये शर्त नही है कि जज्बात मिलनी चाहिए

हां ये जरुरी है कि जायदाद मिलनी चाहिए


शर्त ये बनाई है इस जमाने ने शादी की

दूल्हा और दुल्हन कि जात मिलनी चाहिए


रहन-सहन ख्वाबों-ख्याल मिलें या ना मिलें

मगर रिश्तेदारों कि औकात मिलनी चाहिए


कमी तो यहां है तनहा कि दिल खुश नही हैं

मेहमानों को स्वागत में हर बात मिलनी चाहिए

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