नमस्कार , आज इंटरनेट की क्रांती ने आज हर भषा को लाभ पहुँचाया है यही वजह है की न शिर्फ राष्टीय भाषा बल्कि क्षेत्रीय भाषाओ की पहोच में बहोत इजाफा हुआ है | मैं यहा मेरी लिखी एक नयी भोजपुरी लोकगीत आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं
तोहरा जईसन बनावल अब छोड़ देले होइहए
भगवानजी तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए
कान के बाली ओठवा के लाली
काली रे केसिया बिंदीया के लाली
मुस्की बा अइसन जइसे फूलेला गुलाब
जान मारे तोहरे चोलीया के जाली
लागे हमार नसीब तोहसे जोड देले होइहए
भगवानजी तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए
सोलह के उमरिया पातर कमरिया
मिलाब न हमरा से अइसे नजरिया
बहिया में आजा करेजा में समाजा
बन गईलु धनिया ए हो रनिया
बस तोहके लिखके पेज मोड देले होइहए
भगवानजी तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए
तोहरा जईसन बनावल अब छोड़ देले होइहए
भगवानजी तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए
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इस भोजपुरी लोकगीत को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
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