शनिवार, 13 अप्रैल 2019

भजन, मेरी लेखनी में उतरआ मां मै तुझे बुलाता हूं

     नमस्कार , आज मै आप को मेरी कुछ दिन पहले लिखी मेरे जीवन की पहली सरस्वती वंदना सुना रहा हूं मुझे इस बार पुरा विश्वास हैं कि मेरी ये छोटी सी सरस्वती वंदना आपको पसंद आएगी

मेरी लेखनी में उतरआ मां मै तुझे बुलाता हूं

मेरे हर राग हर छंद का सार मुझे बनाता हूं
तेरे कमल चरणों में अपना सिर झुकाता हूं
हे मां वीणावादीनी तेरी अर्चना में अपने शब्द चढाता हूं
मेरी लेखनी में उतरआ मां मै तुझे बुलाता हूं

सारे अलंकार तेरे ही
सारे रस तुझसे ही
तेरे आने की आशा में
मैं अपना आंगन किताबों से सजाता हूं
मेरी लेखनी में उतरआ मां मै तुझे बुलाता हूं

सातों सुर तेरे उपासक
सारे राग तेरे सेवक
हे मां उसे संगीतमय करदे
जैसा भी हो मै जो कुछ भी गाता हूं
मेरी लेखनी में उतरआ मां मै तुझे बुलाता हूं

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      इस भजन को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

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