नमस्कार , मैने एक भोजपुरी लोकगीत लिखी है जिसे मैं आपके सामने हाजिर कर रहा हूं मुझे उम्मीद है कि ये लोकगीत आपको अच्छी लगेगी
का कहीं तोहसे अपना कहनी
सेज पर हमरा रसे ना जवानी
चाहत रहनी ना अईसन मरदा
सौ सौ के खुल्ला नोट बाडें सईया जी
ए भौजी हो
छोट बाडें सईया जी , मोट बाडें सईया जी
पहीला राती हमार नथुनी उतार के
सुत गईले दुनो टगरी पसार के
सब गुन बाटे पियवा में हमरा
बाकी गुन नईखे कउनो भोजपुरीया भतार के
मोहब्बत के खेला में अभोट बाडें सईया जी
ए भौजी हो
छोट बाडें सईया जी , मोट बाडें सईया जी
कईसे होखे सेज पर लडाई
कईसे जवानी के माजा उठाई
कहलें के हमरा निक ना लागता
जब जब हम ठीबरी बुताई
हमरा त लागे डरपोक बाडें सईया जी
ए भौजी हो
छोट बाडें सईया जी , मोट बाडें सईया जी
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इस भोजपुरी लोकगीत लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
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