आज कौन सा पर्व है ? आज का दिन हर शादीशुदा जोड़े के लिए इतना खास क्यों है ? यह पर्व प्यार का सबसे बड़ा पर्व क्यों है ?, इससे पहले कि आप सब इन सब सवालों का जवाब सोचे मैं आप सभी शादीशुदा जोड़ों को करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं देना चाहता हूं साथ ही भगवान से दुआ करता हूं कि आप सभी शादीशुदा लोगों का रिश्ता हमेशा बना रहे हो | 'जी हा ' आज करवा चौथ है | आज के दिन पत्नियां अपने पतियों की लंबी उमर के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत करती हैं | और रात में चांद निकलने के बाद चांद को चलनी में से देखकर अपने पतियों की पूजा करती हैं एवं उनके हाथों से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ती हैं | अगर मैं आप सब से यह पूछूं कि प्यार को मनाने का सबसे बड़ा दिन कौन सा है ?, तो जाहिर सी बात है आप सब में से अधिकांश लोग कहेंगे वैलेंटाइन डे | जबकि ऐसा नहीं है , मूल रूप से वैलेंटाइन डे किसी के प्रति प्यार जताने का दिन है , अपने प्यार का इजहार करने का दिन है | अपने प्यार को सेलिब्रेट करने का , अपने प्यार को जीने का , अपने प्यार के प्रति समर्पण का दिन है करवा चौथ | करवा चौथ का पर्व वह पर्व है जिसे हमारी भारतीय संस्कृति ने हमें उपहार स्वरूप दिया है | मैं करवा चौथ को प्यार का सबसे बड़ा पर्व इसलिए मानता हूं क्योंकि हर प्रेमी जोड़े की यह ख्वाहिश होती है कि उनका यह प्रेम शादी की मुकम्मल मंजिल तक जरूर पहुंचे | और करवा चौथ शादी के बाद ही मनाया जाता है |
पत्नियां तो जीवन भर ही अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करते हैं , लेकिन क्या पति अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करते हैं ? सोचिए तो....| क्या सिर्फ पत्नियों को ही अपने पतियों का साथ जिंदगी भर के लिए चाहती हैं ?, क्या सिर्फ पत्नियां ही अपने पतियों से प्यार करते हैं ? , क्या पति अपनी अपनी पत्नी से प्यार नहीं करते ? , क्या पतियों को अपनी पत्नियों का साथ जिंदगी भर के लिए नहीं चाहिए ? ,' साथ चाहिए ना , प्यार करते हैं ना ' तो फिर पत्नियां ही क्यों हर बार व्रत रखें ?...| इस करवा चौथ प्रयास करें पति भी अपनी पत्नी के लिए व्रत रखें | मैं यह बात सारे पतियों से कहना चाहूंगा , आज जब आपकी पत्नियां आपके सामने सज संवर कर आए तो उनकी तारीफ में मेरा लिखा यह गीत गाकर उन्हें सुनाए | मुझे उम्मीद है उन्हें यह गीत अवश्य पसंद आएगा | इस गीत में मैंने एक शब्द जलन का उपयोग किया है | इस गीत में जलन का तात्पर्य ईर्ष्या से है | गीत प्रस्तुत है -
बेफिक्री से यूं ना जुल्फें लहराना
ये पागल दिल है मचलने लगेगा
ये पागल दिल है मचलने लगेगा
ओ आईने तू सच ना कहाकर
मेरी चांद से चांद जलने लगेगा
मेरी चांद से चांद जलने लगेगा
ये नीलम सी आंखें , ये चांद सा चेहरा
ये घुंघट है ऐसे , जैसे घटाओं का पहरा
चंदन की खुशबू , सोने सा तन
फूलों सी नाजुक , गंगा सा मन
ये लहरों सी चाल , ये मखमल सा आंचल
उस पर भी श्रृंगार लगता है ऐसे
यौवन का प्याला छलकने लगेगा
ओ आईने तू सच ना कहाकर
मेरी चांद से चांद जलने लगेगा
ये घुंघट है ऐसे , जैसे घटाओं का पहरा
चंदन की खुशबू , सोने सा तन
फूलों सी नाजुक , गंगा सा मन
ये लहरों सी चाल , ये मखमल सा आंचल
उस पर भी श्रृंगार लगता है ऐसे
यौवन का प्याला छलकने लगेगा
ओ आईने तू सच ना कहाकर
मेरी चांद से चांद जलने लगेगा
ये पूनम की रात , ये नीला गगन
ये एकांत का पल , ये चाहत का उपवन
ये पारस की छुअन , ये मीठी अगन
सातों सुरो जैसी तेरी हंसी
जहां ने अप्सरा भी ऐसी कभी देखी नहीं
सुंदरता भी अलंकृत होगी आज तुझसे
पत्थरों में भी दिल धड़कने लगेगा
ओ आईने तू सच ना कहाकर
मेरी चांद से चांद जलने लगेगा
ये एकांत का पल , ये चाहत का उपवन
ये पारस की छुअन , ये मीठी अगन
सातों सुरो जैसी तेरी हंसी
जहां ने अप्सरा भी ऐसी कभी देखी नहीं
सुंदरता भी अलंकृत होगी आज तुझसे
पत्थरों में भी दिल धड़कने लगेगा
ओ आईने तू सच ना कहाकर
मेरी चांद से चांद जलने लगेगा
बेफिक्री से यूं ना जुल्फें लहराना
ये पागल दिल है मचलने लगेगा
ओ आईने तू सच ना कहाकर
मेरी चांद से चांद जलने लगेगा
ओ आईने तू सच ना कहाकर
मेरी चांद से चांद जलने लगेगा
ये पागल दिल है मचलने लगेगा
ओ आईने तू सच ना कहाकर
मेरी चांद से चांद जलने लगेगा
ओ आईने तू सच ना कहाकर
मेरी चांद से चांद जलने लगेगा
यह गीत आपको कैसाी लगाी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा | मेरे विचार को व्यक्त करते वक्त अगर शब्दों में मुझसे कोई त्रुटि हो गई हो तो मै इसके लिए छमा प्रार्थी हूं | मेरी एक नई भावना को व्यक्त करने मैं जल्द ही आपसे बातें करने वापस आऊंगा , तब तक अपना ख्याल रखें , अपनों का ख्याल रखें , बड़ों को सम्मान दें , छोटो से प्यार करें , नमस्कार |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें