मंगलवार, 2 अप्रैल 2019

भोजपुरी कविता , हे गंगा माई

    नमस्कार , एक और भोजपुरी कविता आपके दयार में रख रहा हूं आपके प्यार एवं साथ की जरूरत है और मुझे आशा है कि मेरी ये कविता आप के दिल में अपनी जगह बनाएगी

हे गंगा माई हमके आशीर्वाद द

हे गंगा माई
हमके आशीर्वाद द
निमन विचार द
शब्दन के भंडार द
पाप के आगे हम कबो झुकी न
कलम के रूप में हथियार द
तोहार कलकल जल बहत रहे
सदा निर्मल रहलबा सदा निर्मल रहे
पुरा देशवासी एक साथे तोहार जल
अइसहने पीयत रहे
माई हउ बेटा निहोरा करता
हमार शब्दन के पुजा स्वीकार ल
हे गंगा माई हमके आशीर्वाद द

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      इस भोजपुरी कविता लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

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