मंगलवार, 2 अप्रैल 2019

भोजपुरी लोकगीत , आसमानी कलर की ओढ़नीयां

     नमस्कार , मैने एक भोजपुरी लोकगीत लिखी है जिसे मैं आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं मुझे उम्मीद है कि ये लोकगीत आपको पसंद आयेगी

देखी दूध के गोराई आवे मुहँवा में पनिया
आसमानी कलर की ओढ़नीया से रनिया ढाक ल जवनीया

मन के हमार शरधा पुरा द
दिल में अपना हमके बसाल
धडकन के जईसे दिल में बसाईब
देखल सपनवा तोहर पुराईब
मागे सेन्हुरा लगाके बनजा न हमार धनिया
आसमानी कलर की ओढ़नीया से रनिया ढाक ल जवनीया

आसमान से उतरल लागताडू गोरी
जइसे होखी चॉद के चकोरी
हमरा के देखी मंद मुस्का के
दिलवा हमार कर लेलू चोरी
हमारा जिनगी में आजा बनके कनिया
आसमानी कलर की ओढ़नीया से रनिया ढाक ल जवनीया

देखी दूध के गोराई आवे मुहँवा में पनिया
आसमानी कलर की ओढ़नीया से रनिया ढाक ल जवनीया

     मेरी यह भोजपुरी लोकगीत अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस भोजपुरी लोकगीत लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Trending Posts