सोमवार, 18 फ़रवरी 2019

कविता, एक आंसू जवाब चाहता है

     नमस्कार , कल 17/02/019 को मैने एक कविता लिखी है कविता एकदम नयी है तो किसी को सुनाई भी नही है आप इसके पहले पाठक होंगे तो मै ये चाहता हूँ कि इस कविता में अगर कोई पंक्ति या शब्द आपको ऐसा लगे की इसमे बदलाव करना चाहिए तो कमेंट में मुझे जरूर बताइएगा |

एक आंसू जवाब चाहता है

एक आंसू जवाब चाहता है
क्यों बहाया मुझे इसका हिसाब चाहता है
जिसे पढ़कर सुकून का कोई लम्हा मयस्सर हो जाए
दिल ऐसा कोई किताब चाहता है
एक आंसू जवाब चाहता है

बेवजह तो कोई रोता नहीं
बिना रोए आंसू होता नहीं
क्या क्या बताऊं मैं क्या ना बताऊं मैं
मन में बहुत संका छुपी है इसके
यह कहना बेहिसाब चाहता है
एक आंसू जवाब चाहता है

यह भी कोई बात है कि बहता हूं मैं
तुम्हारा गम सबसे पहले सहता रहा हूं मैं
आज बगावत पर उतर आया है
यह करना मुझे लाजवाब चाहता है
एक आंसू जवाब चाहता है

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      इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

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