नमस्कार , कव्वाली उर्दू साहित्य कि वह विधा है जो गायन में गजल के बाद सर्वाधिक लोकप्रिय है | कव्वाली अमीर खुसरो की विरासत है जो लगातार लोकप्रिय एवं विस्तृत होती चली जा रही है | उर्दू महफिलों की शान कव्वाली हजारों कव्वाली गायकों एवं शायरों के द्वारा लगातार सहेजी जा रही है | कव्वाली के पुरुष गायकों को कव्वाल एवं महिला गायकों को कव्वाली ही कहा जाता है |\
बीती सहर मैंने भी एक कव्वाली की रचना की है | जिसे मैं आपकी खिदमत में पेश कर रहा हूं | मुझे यकीन है मेरी ये कव्वाली पढ़कर आपको उतना ही लुत्फ आएगा जितना कव्वाली सुनकर आता है | कव्वाली पेश है -
लोग मुझको दीवाना कहने लगे
उसने गजब की चली चाल ये
लोग तरस खा रहे हैं मेरे हाल पे
शिकवा मुझे उससे कुछ भी नहीं पर
लोग मुझको दीवाना कहने लगे
लोग तरस खा रहे हैं मेरे हाल पे
शिकवा मुझे उससे कुछ भी नहीं पर
लोग मुझको दीवाना कहने लगे
यह मोहब्बत है बस जहर की तरह
जब से हुई हम मरने लगे
लोग मुझको दीवाना कहने लगे
जब से हुई हम मरने लगे
लोग मुझको दीवाना कहने लगे
इश्क की वादियां
क्या नजर आयेंगी
मेरे महबूब की
क्या खबर आएगी
मुश्किल है मेरा अब इंतजार करना
उन्हें देखने को हम तरसने लगे
लोग मुझको दीवाना कहने लगे
क्या नजर आयेंगी
मेरे महबूब की
क्या खबर आएगी
मुश्किल है मेरा अब इंतजार करना
उन्हें देखने को हम तरसने लगे
लोग मुझको दीवाना कहने लगे
एक दौर वो था
जब मोहब्बत थी हमको
एक दौर ये है
जब नफरत है हमको
मगर हाल ऐसा है मेरे दिल का यारो
उन पर गजल हम कहने लग
जब मोहब्बत थी हमको
एक दौर ये है
जब नफरत है हमको
मगर हाल ऐसा है मेरे दिल का यारो
उन पर गजल हम कहने लग
लोग मुझको दीवाना कहने लगे
याद उनकी अब भी क्या गजब कर रही है
सारे अल्फाज मेरे महकने लगे
लोग मुझको दीवाना कहने लगे
सारे अल्फाज मेरे महकने लगे
लोग मुझको दीवाना कहने लगे
उस जन्म में मिलेंगे किसी मोड़ पर
उसने कहा था जब बिछड़ने लगे
लोग मुझको दीवाना कहने लगे
उसने कहा था जब बिछड़ने लगे
लोग मुझको दीवाना कहने लगे
मेरी ये क़व्वाली आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जिए जरूर बताइएगा | अगर अपने विचार को बयां करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार नयी रचनाओं के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |
Amazing👍
जवाब देंहटाएंAap ka Bahut Bahut Shukriya
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