शादियों का दौर है मेरी यह हास्य व्यंग कविता शादी के बाद पति पत्नी के खट्टे-मीठे रिश्ते पर आधारित है | शादी इंसानी जिंदगी का वह रिश्ता है जो जिंदगी को मुकम्मल बनाता है | इस रिश्ते में पति पत्नी के दरमियां हजारों अनबन हजारों , तीखी मीठी नोकझोंक होती रहती हैं |
शादी से पहले और शादी के बाद के विरोधाभास को मैंने अपने कविता में व्यंगात्मक रुप से प्रदर्शित किया है और उसे हास्य का रूप देने की कोशिश की है | मुझे उम्मीद है मेरी यह कविता आपका मनोरंजन करेगी -
शादियों का दौर है
शादियों का दौर है
आबादियों का दौर है
या बर्बादियों का दौर है
उलझने सिर्फ इतनी नहीं
सवाल अभी और हैं
शादियों का दौर है
आबादियों का दौर है
या बर्बादियों का दौर है
उलझने सिर्फ इतनी नहीं
सवाल अभी और हैं
शादियों का दौर है
शादी के दिन दोस्त नचाते हैं
फिर जिंदगी भर पत्नी नचाती है
शादी की रात भर सब ढोल बजाते हैं
फिर पत्नी सारी उमर बैंड बजआती है
शादी के दिन और रात राजा जैसे खातिरदारी मिलती है
और सारी जिंदगी गुलाम जैसी हालत रहती है
शादी तो खुशियों का जाना है
और दुखों का घर आना है
गलत समझ रहे हैं आप
मेरे कहने का मतलब कुछ और है
शादियों का दौर है
फिर जिंदगी भर पत्नी नचाती है
शादी की रात भर सब ढोल बजाते हैं
फिर पत्नी सारी उमर बैंड बजआती है
शादी के दिन और रात राजा जैसे खातिरदारी मिलती है
और सारी जिंदगी गुलाम जैसी हालत रहती है
शादी तो खुशियों का जाना है
और दुखों का घर आना है
गलत समझ रहे हैं आप
मेरे कहने का मतलब कुछ और है
शादियों का दौर है
शादी से पहले पढ़ाई में
गणित को समझना मुश्किल होता है
शादी के बाद जिंदगी में
पत्नी को समझना नामुमकिन होता है
पत्नी अगर बोलती रहे
तो खतरा होती है
पत्नी अगर ना बोले
तो खतरनाक होती है
दूर के ढोल सुहावने लगते हैं
यह कहावत सबसे ज्यादा शादी पर लागू होती है
बस इतनी नहीं शादी की तारीफ अभी और है
शादियों का दौर है
गणित को समझना मुश्किल होता है
शादी के बाद जिंदगी में
पत्नी को समझना नामुमकिन होता है
पत्नी अगर बोलती रहे
तो खतरा होती है
पत्नी अगर ना बोले
तो खतरनाक होती है
दूर के ढोल सुहावने लगते हैं
यह कहावत सबसे ज्यादा शादी पर लागू होती है
बस इतनी नहीं शादी की तारीफ अभी और है
शादियों का दौर है
मेरी यह हास्य व्यंग कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा, कृपया ब्लागस्पाट के कमेंट बॉक्स में सार्वजनिक कमेंट ऐड करिएगा | अगर अपने विचार को बयां करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |
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