मंगलवार, 15 मई 2018

घनाक्षरी , कुछ ऐसे ही

नमस्कार ,  कोई भी वाक्य बहुत सारे शब्दों का एक समूह होता है और एक शब्द बहुत सारे अक्षरों का समूह होता है | हिंदी पद्य साहित्य में एक विधा है जो अक्षरो के सघन समूह को परिभाषित करती है | उस विधा को घनाक्षरी के नाम से जाना जाता है | घनाक्षरी विधा में एक ही प्रकार के समानार्थी शब्दों की सघनता होती है | इस विधा की रचनाएं बहुत ही उच्च कोटि की होती हैं जिन्हें पढ़कर आनंद की अनुभूति होती |

   तकरीबन दो-तीन दिन पहले ही मेरा घनाक्षरी विधा से परिचय हुआ है | उसी दौरान इसी विधा में मैंने एक रचना की थी जिसे मैं यहां लिख रहा हूं | आपके आशीर्वाद की आशा है -

कुछ ऐसे ही

काले - काले कोट वाले
सफेद - सफेद धोती कुर्ता वाले
खादी की जैकेट , टोपी वाले
कुछ ऐसे ही दिखते हैं राजनीति वाले

कुछ ऐसे ही दिखते हैं राजनीति वाले

झूठे - झूठे करते वादे
जैसे होते हैं खाली - खाली लिफाफे
जीतने के बाद नजर ना आंवे
कुछ ऐसे ही करते हैं वोटनीति वाले

कर - कर के घोटालों पर घोटाले
भारत की जनता को लूट - लूट कर कंगाल -कंगाल कर डाले
इन्हें तिहाड़ जेल के करो हवाले
कुछ ऐसे ही सजा पाते हैं नोट की राजनीति वाले

   मेरी ये घनाक्षरी आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जिए जरूर बताइएगा | अगर अपने विचार को बयां करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार नयी रचनाओं के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |   

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