रविवार, 6 मई 2018

मुझे दिल का मरीज समझ लेने वालों

    नमस्कार , अभी हाल ही में तकरीबन 1 महीने पहले मैंने एक ग़ज़ल लिखी है उसे मैं आप के सामने प्रस्तुत कर रहा हूं -

मुझे दिल का मरीज समझ लेने वालों

बस खेलने की चीज़ समझ लेने वालों
मुझे दिल का मरीज समझ लेने वालों

बस एक दफा आफत से टकराकर टूट जाते हो
शिकस्त को नसीब समझ लेने वालों

अक्सर शख्सियत से काबिलियत का अंदाजा नहीं होता
हर एक चीज को नाचीज समझ लेने वालों

कभी ये बेफिजूली भी आजमा कर देखो
मोहब्बत को बुरी चीज़ समझ लेने वालों

एक बार जो समझ जाओगे तो फिर भुला ना पाओगे
सिर्फ चेहरे से अजीब समझ लेने वालों

किसी हसीना को समझ जाओगे तो समझदार मान लेगा 'हरि'
सुना है हर चीज समझ लेने वालों

    मेरी यह गजल आप को कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्र के जरिये जरूर बताइएगा |
अगर मेरे विचारों को लिखते वक्त मुझसे  शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो मैं उसके लिए बेहद क्षमा प्रार्थी हूं | नमस्कार |

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