गुरुवार, 31 मई 2018

दादरा , सईयां मेरे मोरी याद भुलाई गए

      नमस्कार , दादरा भी ठुमरी की तरह ही भारतीय शास्त्रीय संगीत में गायी जाने वाली एक शैली है | दादरा भारतीय शास्त्रीय संगीत के गायकों द्वारा गाई जाती है | आमतौर पर ठुमरी की तरह ही दादरा भी छोटे बंदों में निहित होती है | दादरा विभिन्न प्रकार के रागो में गाई जाती है | अगर अन्य शब्दों में कहा जाए तो मेरे अनुसार ठुमरी की तरह ही दादरा भी एक लोकगीत है |

     एक से दो सप्ताह पहले भर मैंने एक दादरा लिखने का प्रयास किया था | उस प्रयास को मैं आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं , आपके प्यार की उम्मीद कररहा हूं -

दादरा , सईयां मेरे मोरी याद भुलाई गए

सईयां मेरे मोरी याद भुलाई गए
परदेस में जाकर परदेसी कहाई गए

चार बरस हुए लौट के न आए
केतनी बार हम खबर भिजवाए
कउने कलमूही के फेरा में आई गए
सईयां मेरे मोरी याद भुलाई गए

सात फेरों के सात वचन
जन्म जन्म का यह बंधन
सारा रिश्ता नाता तोड़ाई गया
सईयां मेरे मोरी याद भुलाई गए

सईयां मेरे मोरी याद भुलाई गए
परदेस में जाकर परदेसी कहाई गए

      मेरा ये दादरा आपको कैसा लगा मुझे अपने कमेंट्स के जिए जरूर बताइएगा | अगर अपने विचार को बयां करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार नयी रचनाओं के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |  

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