सोमवार, 14 मई 2018

तुझे भुलाने की साजिश कर रहा हूं

नमस्कार , उर्दू शायरी कि ये  खासियत है के  उर्दू शायरी सीधे सीधे दिल में उतरती है और इंसानी जज्बातों की तर्जुमानी करती है | कुछ आसार मैंने भी कहने की कोशिश की है |

एक मतला और एक शेर ये देखे के

एक मतला और एक शेर ये देखे के

क्यों तू मेरी यादों से बेदखल नहीं होता
ये एक ही मसला है जो मुझसे हल नहीं होता

कोई ना कोई फैसला तो उसी सब-ए-मुलाकात में हो जाता
अगर जो तेरी आंख में काजल नहीं होता

मैं ये गुनाह वाजिब कर रहा हूं
तुझे भुलाने की साजिश कर रहा हूं

मुमकिन से मुमकिन तक नामुमकिन से नामुमकिन तक सब आजमा कर देख लिया
मैं बस तुम्हारे होठों पर हंसी लाने की कोशिश कर रहा हूं

यह दो तीन शेर और देखे के

मेरे पास दौलत-ए-मोहब्बत है
वो चाहकर भी मेरे जितना अमीर नहीं हो सकता

उसने ऐसे मांग लिये अपने दिए खत मुझसे
जैसे कर्जदार वसुनिया करते हैं

शक्लो सूरत से जरा सा मैं भी सितारों जैसा हूं
जब चमकूंगा तो देख कर बताना मुझे

मेरी शेरो शायरी कि ये बातें आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा | अगर अपने विचार को बयां करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार नयी रचनाओं के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |            

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Trending Posts