रविवार, 9 दिसंबर 2018

नज्म, कौन लिखता है मेरी किस्मत

   नमस्कार , मेरे अवसाद से भरे मन की उपज ये नज्म जिसे मै आज आपके दयार में आपके हवाले करता हूं |

कौन लिखता है मेरी किस्मत

कौन लिखता है मेरी किस्मत
जरा उसका नाम बता दो
एक बार मैं उससे पूछना चाहता हूं
आखिर तुम यह राज बता दो
क्या खता मुझसे हुई थी
कहां और कब हुई थी
जो तुमने इतनी तकलीफ है लिखी
इतनी ठोकरों का फरमान सुनाया
यह दशा हो गई है मेरी
कि अब नहीं होता यकीन यकीन पर भी
कांपते हैं पांव मेरे जमीन पर भी
न जाने कहां से तेरा लिखा कोई पत्थर आए
और मुझे झकझोर कर फिर
गम की कोई वजह दे जाए
मैं पूछना चाहता हूं तुझसे
आखिर कौन लिखता है मेरी किस्मत
जरा उसका नाम बता दो
एक बार मैं उससे पूछना चाहता हूं

    मेरी नज्म के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें , अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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