रविवार, 30 दिसंबर 2018

कविता, एक चाहत नए साल में हम मिले

     नमस्कार , मेरी अब तक की कविताओं में ये कविता कुछ अलग से मिजाज की हुई है | मै तहे दिल से चाहता हूँ के आप मेरी इस लघु रचना को प्रोत्साहित करने की कोशिश करें |

एक चाहत , नए साल में हम मिले

प्यासे को पानी
                    मिले
भूखे को रोटी का स्वाद
                    मिले
चांद को सूरज
                    मिले
आसमान को जमीन
                    मिले
यह दुआ है हमारे दिल
                    मिले
इस नए साल में हम 
                    मिले

    मेरी कविता के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें , अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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