नमस्कार , आज हमारे देश के इतिहास का सबसे बडा एवं सबसे विवादित मामले पर फैसला मानमीय सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है मै इस फैसले पर अपनी अथाह खुशी जाहिर करते हुए इस फैसले की पुरे देश को बधाई देता हुं साथ हि साथ मै ये भी कहना चाहता हुं की जिस तरह से सभी आसंकाओ को गलत साबित करते हुए पुरे देश ने इस फैसले को दिल से लगाया है मै इसे भी अपने देश के महान लोकतंत्र की विजय मानता हुं | आज का दिन भारत एवं विश्व के इतिहास मे शांति , सौहार्द एवं भाईचारे के प्रतिक के रुप मे स्वर्णिम शब्दों में लिखा जाएगा | आज एक और एतिहासिक शुरुआत हुई पर मै उसके बारे मे अगली आने वाली पोस्ट मे लिखूंगा |
आज के इस फैसले की प्रसंसा एवं प्रसंन्नता मे मैने एक छोटा सा काव्य रचने की कोशिश की है जिसे मै आपके सामने रख रहा हुं मुझे उम्मीद है की ये आपको पसंद आएगा -
आएंगे सखी अयोध्या में राम
आएंगे सखी अयोध्या में राम
बरसों से रही है तड़पती अयोध्या
सिसकती अयोध्या तरसती अयोध्या
बिरहन बनी है नगरी अयोध्या
अब दर्शन की प्यास बुझाएंगे राम
आंगन में फिर मुस्काएंगे राम
आएंगे सखी अयोध्या में राम
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इस काव्य को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
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