मंगलवार, 26 नवंबर 2019

कविता, डर कभी नही जीतेगा

      नमस्कार , आज का दिन कही न कही इंसानीयत के लिए खतरो के प्रति विचार विमर्श एवं मानवता पर लगे एक काले धब्बे का प्रतिक है न शिर्फ भारत के लिए अपितु पुरी दुनिया के लिए | आज 26 नवंबर है जिसे 26 /11 भी कहा जाता है | आज ही के दिन हमारे भारत के महाराष्ट प्रांत के मुम्बई शहर के ताज होटल मे 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने हमला किया था जिसमे सैकडों लोगों की जान गई थी | जैसा कि हम जानते है आतंकबाद आज दुनियी के लिए बहोत बडी चुनैती भी है और खतरा भी जिससे आज भारत समेत दुनिया के सैकडों देश पीडित है लेकिन फिर भी आतंकबाद के इस मुद्दे पर पुरी दुनिया एक टेबल पर नही आ पा रही है | ऐसे वक्त में मै मानता हुं कि हमारे प्रधानमेत्री जी का आतंकबाद के खिलाफ दुनियां के हर बडे म्च पर बोलना पहोत ही प्रभावी एवं साहसिक कदम है

       आज के दिन को याद करते हुए उस हमले में अपनी जान गवाले वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि स्वरुप मैने एक छोटी सी कविता लिखी है जिसे आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हुं

डर कभी नही जितेगा

सच कभी नही हारेगा
डर कभी नही जितेगा
मानवता कभी मिटेगी नही
किसी हाल में झुकेगी नही
दहसत का विनाश होगा
आतंक का सर्वनाश निश्चित है
तफरत का विनाश निश्चित है
प्रेम हमारा सुनहरा कल होगा
ज्यो गंगा का निर्मल जल है
प्रेम की सदा विजय होगी

      मेरीे ये कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

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