नमस्कार ,आपको विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं | आज विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर मैने एक कविता लिखी है जिसे मैं आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं |
हिन्दी हमारी ज़िन्दगी है
एक ये सच भी है साहब
जिस भाषा को बोलने में
जिस भाषा को लिखने में
जिस भाषा को सिखने में
हमारे देश के हमारे समाज के
अत्याधिक पढ़े लिखे लोगों को
अघोषित शर्मिंदगी है
वह मातृभाषा राष्ट्र स्तरीय भाषा
हिन्दी हमारी ज़िन्दगी है
जिस भाषा को बोलने में
जिस भाषा को लिखने में
जिस भाषा को सिखने में
हमारे देश के हमारे समाज के
अत्याधिक पढ़े लिखे लोगों को
अघोषित शर्मिंदगी है
वह मातृभाषा राष्ट्र स्तरीय भाषा
हिन्दी हमारी ज़िन्दगी है
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इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
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