नमस्कार , लगभग महीने भर पहले मैने ये कविता लिखी थी जिसे मैं किसी व्यस्तत्ता के कारण आपसे साझा नही कर पाया था आज कर रहा हूं मुझे यकीन है कि आपको यह कविता पसंद आएगी
लद्दाखी संस्कृति है कितनी महान
लद्दाख को मिल गई अपनी पहचान
पर्वतों पर पला है बौद्ध ज्ञान
एक से बढ़कर एक विद्वान
लद्दाखी संस्कृति है कितनी महान
गोम्पा उत्सव विश्वंभर में प्रसिद्ध है
कितना आकर्षक मुखौटा नृत्य है
यहां काली मां भी पाती सम्मान
लद्दाखी संस्कृति है कितनी महान
मेरी ये कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने विचार कमेन्ट करके जरूर बताइएगा | मै जल्द ही फिर आपके समक्ष वापस आउंगा तब तक साहित्यमठ पढ़ते रहिए अपना और अपनों का बहुत ख्याल रखिए , नमस्कार |
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