बुधवार, 14 अगस्त 2019

ग़ज़ल, तनहा उसका जीना हराम करना है मुझे

  नमस्कार, गजलों के इस क्रमागत संयोजन में एक और नयी गजल का एक मतला और कुछ शेर यू देखें कहा है कि

थोडा थोडा हर किसी के नाम करना है मुझे
अपनों की खुशी का इंतजाम करना है मुझे

मुझे प्यार करना हो तो जरा जल्दी आओ
नही तो फिर बहोत काम करना है मुझे

हयात के रेगिस्तान में पानी तलाशकर थक चुका हूँ मैं
एक दिन मां की गोद में सोना है खूब आराम करना है मुझे

धडल्ले से लिखता हूं इस जमाने की आंखों देखी
कुछ सफेदपोशों को बदनाम करना है मुझे

वो क्या उड़ाएगा मैं खुद ही उड़ाता हूं मखौल अपना
अपने हर दुश्मन का काम तमाम करना है मुझे

क्यों खिखता हूं गजलों में अपनी मोहब्बत के फ़लसफ़े
तनहा उसका जीना हराम करना है मुझे

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      इस गजल को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

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