नमस्कार , आज हमारा देश भारत तरक्की की राह में अग्रसर है | पूरी दुनिया हमारी काबिलियत का लोहा मान रही है | अंतरिक्ष विज्ञान हो , चिकित्सा विज्ञान हो या कंप्यूटर विज्ञान हो हम
हिंदुस्तानियों ने हर क्षेत्र में अपना अतुलनीय योगदान दिया है | हमारे
भारत की कई उपलब्धियों के साथ-साथ कई समस्याएं भी हैं जैसे गरीबी , बेरोजगारी , अशिक्षा , जनसंख्या वृद्धि इत्यादि | लेकिन एक समस्या ऐसी है जिसे मुझे लगता है कि हम हिंदुस्तानियों ने खुद समस्या बनने दिया है | वह समस्या है, 'अस्वच्छता' |
मैंने यहां कुछ तस्वीरें पोस्ट की हैं | जिसमें एक जगह वह है जो गंदा है और दूसरा जगह वह है जो साफ है , अगर आपसे पूछा जाए कि आपको दोनों जगहों में से कौन सी जगह पसंद है तो जाहिर सी बात है कि आप स्वच्छ जगह को ही पसंद करेंगे | स्वच्छता के मामले में इसी तरह की कुछ तुलना हमारे देश के बारे में भी होती होंगी
और हमें अपने देश को सबका पसंदीदा बनाना है | इसके लिए जरूरी है कि हम सभी देशवासी मिलकर एक साथ प्रयास करें और अपने भारत को स्वच्छ बनाएं | स्वच्छता के इसी मकसद को साकार करने के उद्देश्य से मैंने एक कविता लिखने की कोशिश की है जिसका शीर्षक है -
अब झाड़ू पोछा हथियार बनाएं
सब स्वच्छता का पर्व मनाए
स्वच्छता का हो बोलबाला
गंदगी का हो मुंह काला
घर-आंगन , खेत- खलीहान , गांव-शहर
जन - जन के दिल में चले लहर
अस्वच्छता को मार भगाएं
अब झाड़ू पोछा हथियार बनाएं
सब स्वच्छता का पर्व मनाए
एक प्रतिज्ञा आज करें
न खुद कहीं फैलाएं गंदगी
न किसी को फैलाने दे गंदगी
स्वच्छ रखें हम अपना दिल
साफ सुथरा अपना हिंदुस्तान बनाएं
अब झाड़ू पोछा हथियार बनाएं
सब स्वच्छता का पर्व मनाए
गंदा घर किसे है भाता
मगर यह सोचिए इसे गंदा कौन बनाता
आलस्य का अब दामन छोड़ें
हर मन में यह चेतना जगे
गांधी बापू का सपना साकार कर दिखलाएं
अब झाड़ू पोछा हथियार बनाएं
सब स्वच्छता का पर्व मनाए
न खुद कहीं फैलाएं गंदगी
न किसी को फैलाने दे गंदगी
स्वच्छ रखें हम अपना दिल
साफ सुथरा अपना हिंदुस्तान बनाएं
अब झाड़ू पोछा हथियार बनाएं
सब स्वच्छता का पर्व मनाए
गंदा घर किसे है भाता
मगर यह सोचिए इसे गंदा कौन बनाता
आलस्य का अब दामन छोड़ें
हर मन में यह चेतना जगे
गांधी बापू का सपना साकार कर दिखलाएं
अब झाड़ू पोछा हथियार बनाएं
सब स्वच्छता का पर्व मनाए
मेरी यह
कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा | अगर अपने विचार
को बयां करते
वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |
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