नमस्कार , विजयादशमी की आप को बहोत बहोत शुभकामनाएं | दशमी का यह दिन अधर्म पर धर्म की असत्य पर सत्य की और बुराई पर अच्छाई की विजय का दिन है | आज के दिन भारत और पुरी दुनिया में जहां भी हिन्दू धर्म को माना जाता है या फिर हिन्दू धर्म को मानने वाले रहते है अधर्म एवं पाप के प्रतिक रावण के पुतले का दहन किया जाता है | मगर क्या शिर्फ रावण के पुतले का दहन कर देने से हमारे भीतर की सारी बुराई सारे दोषों का नाश हो जाता है ? , नही होता ना |
मेरे मन में उठे इसी विचार को आधार बनाते हुए मैने एक कविता लिखी है और मेरी ये दिली ख्वाईस थी की मै आज के दिन ये कविता आप की हाजिरी में रखुं |
राम की मनोकामना
मुझे भगवान मानो या मत मानो
मगर मेरी बात मानो
बुजुर्गों का सम्मान करो
वंचितों को साथ में बैठाओ
पिछड़ों के हाथ से हाथ मिलाओ
नारी हमारा गौरव है
नारियों का सम्मान करो
तनिक सा भी कष्ट न पहुंचे उन्हें
इतनी सुरक्षा प्रदान करो
ईर्ष्या , अहंकार , काम ,
क्रोध , मोह , लोभ
ये रावण के प्रतीक हैं
रावण का पुतला तत्पश्चात जलाना
सर्वप्रथम अपने मन में
रावण के इन प्रतीकों को जलाओ
धर्म चाहे जो भी मानो
सुमार्ग पर चलो
ज्ञान चाहे जो भी जानो
सदुपयोग करो
सदाचारी बनो , कल्याणकारी बनो
नायक बनो , सुखदायक बनो
पुरुषोत्तम नहीं बन सकते तो
सर्वोत्तम इंसान बनो
मगर मेरी बात मानो
बुजुर्गों का सम्मान करो
वंचितों को साथ में बैठाओ
पिछड़ों के हाथ से हाथ मिलाओ
नारी हमारा गौरव है
नारियों का सम्मान करो
तनिक सा भी कष्ट न पहुंचे उन्हें
इतनी सुरक्षा प्रदान करो
ईर्ष्या , अहंकार , काम ,
क्रोध , मोह , लोभ
ये रावण के प्रतीक हैं
रावण का पुतला तत्पश्चात जलाना
सर्वप्रथम अपने मन में
रावण के इन प्रतीकों को जलाओ
धर्म चाहे जो भी मानो
सुमार्ग पर चलो
ज्ञान चाहे जो भी जानो
सदुपयोग करो
सदाचारी बनो , कल्याणकारी बनो
नायक बनो , सुखदायक बनो
पुरुषोत्तम नहीं बन सकते तो
सर्वोत्तम इंसान बनो
मेरी कविता के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 15 दिसंबर 2018 को लिंक की जाएगी ....http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुय सुंदर मनभाव और उच्च कोटि की कामना...अत्यंत सुंदर सृजन...वाहहह👌
जवाब देंहटाएंआपकी रचना का सन्देश अत्यंत व्यापक है। बधाई एवं शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंआपने अपनी बात बेहतरीन ढ़ंग से रखा है
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूबसूरत मनोकामना मानव व विश्व कल्याण की सुंदर रचना।
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