तीन तरफ से समुद्र से घिरा भारत देश मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान देश है | यहां की आबादी का एक
बहुत बड़ा हिस्सा अपनी आय कृषि से प्राप्त करता है | हिंदुस्तान की कृषि अधिकांश रुप से वर्षा पर आश्रित है | मौसम का परिवर्तनशील होना कृषि को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रुप से प्रभावित करता
रहता है |
वैसे तो हमारे देश की केंद्र एवं सभी राज्यों की सरकारें किसानों के भले के लिए कई योजनाएं चला रही हैं लेकिन इसका फायदा बहुत आंशिक रूप से ही किसानों को मिल पाता है | किसानों को पूर्ण रुप से योजनाओं का फायदा न मिल पाने की वजह भ्रष्टाचार तथा जागरूकता का अभाव भी मुख्य रूप से असर करता है | किसानों के उद्धार के लिए शुरू होने वाली कुछ योजनाएं तो केवल कागजी पन्नों पर ही संचालित होती रहती हैं तथा इनका लाभ भ्रष्टाचारियों को बखूबी मिलता रहता है | भ्रष्टाचार तथा दोषपूर्ण व्यवस्था का दुष्परिणाम ही अक्सर किसानों के आत्महत्या की वजह बनता है | इससे हमारा राज्य मध्य प्रदेश भी अछूता नहीं रहा है |
अन्नदाता के
विकास एवं उज्जवल भविष्य के लिए यह आवश्यक है कि केंद्र सरकार एवं राज्य की सभी सरकारें कागजी स्तर पर नहीं जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से काम करें तथा हर प्रकार से यह सुनिश्चित करे की केंद्र एवं राज्य की सरकार द्वारा चलाई जाने वाली सभी योजनाओं का फायदा शत प्रतिशत केवल एवं केवल किसानों को ही मिले |
किसानों के अधिकारों एवं उनके कल्याण के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मैंने एक छोटी सी कविता लिखने की चेष्टा की है उम्मीद करता हूं कि मेरी यह कविता आपके दिलों को छू जाएगी -
किसानों का सम्मान हो
.
पथरीली बंजर जमीन को
जिसने हरे-भरे खेतों में ढाला है
अपना ही नहीं पूरे भारत का
पेट जिन कृषकों ने पाला है
अब जरूरत है उनका भी गुणगान हो
किसानों का सम्मान हो
किसानों के अधिकारों एवं उनके कल्याण के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मैंने एक छोटी सी कविता लिखने की चेष्टा की है उम्मीद करता हूं कि मेरी यह कविता आपके दिलों को छू जाएगी -
किसानों का सम्मान हो
.
पथरीली बंजर जमीन को
जिसने हरे-भरे खेतों में ढाला है
अपना ही नहीं पूरे भारत का
पेट जिन कृषकों ने पाला है
अब जरूरत है उनका भी गुणगान हो
किसानों का सम्मान हो
जो मिट्टी को चीरकर
उससे अनाज उपजाते हैं
जो हमारे भारत देश की मिट्टी को
हीरे मोती उगलने वाली बताते हैं
उन कृषि करने वालों का कल्याण हो
किसानों का सम्मान हो
सिंचता है वह कृषक
खेतों को अपने मेहनत के पसीने से
शपथ लें हम बनाएं ऐसा वातावरण
कि कोई कृषक तंग ना आए जीने से
अन्नदाता भी अब इस देश का अभिमान हो
किसानों का सम्मान हो
मेरी यह कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा | अगर अपने विचार को बयां करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |
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