गुरुवार, 13 अगस्त 2020

कविता , स्वागत नव युग

      नमस्कार , सर्व प्रथम आपको राम मंदिर शिलान्याश की हार्दिक शुभकामनाए | करीब 500 सालों के इंतजार तथा हजारों लोगों की बलिदानीयों के बाद राम भक्त हिन्दुओं के हिस्से यह पावन दिन आ पाया है और अभी सत्य की लडा़ई लम्बी है | नव युग का स्वागत करते हुए मेरी यह कविता 6 अगस्त की है जिसे मैं आपके दयार में रख रहा हुं


स्वागत नव युग 


स्वागत नव युग के प्रथम सुर्य

स्वागत नव युग के प्रथम प्रकाश

भव्य पुष्प कमल के उजास

हर जन मन हर्षित गर्वीत

जन जन को सुख आने का विश्वास

सत्य सनातन नभ में गुंजन

स्वागत नव युग के आकाश


      मेरीे ये कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |


      इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Trending Posts