नमस्कार , आपको रक्षाबंधन कि हार्दिक शुभकामनाएं | आज के इस पावन दिन पर मैने एक कविता लिखी है जिसे आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हुं
राखी अनमोल होती है
रंग बिरंगे रेशम के धागे के उपर
चक्र , चिडि़या , फूल , कबुतर
कि डिजाइनों से सजी हुई
दुकानों पर बिकती हुई
कलाईयों पर बांधे जाने के लिए तैयार
इन स्नेह बंधनों का अस्तीत्व
केवल इतना बस नही है
ये तो दिलों को , मन से , जीवन से
जीवनभर के लिए बांध देती हैं
और इनका छुट जाना रिश्तों का
टुट जाना हो जाता है
यही स्नेह बंधन है जो भाईयों को
भाई होने , कहलाने का दर्जा दिलाता है
यही स्नेह बंधन है जो भाईयों को
हजारों मिल दूर से भी बहन भाई को
एक दिन एक साथ ले आता है
कभी तोहफे के बराबर या कम
मत समझ लेना इसको क्योंकि
राखी अनमोल होती है
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इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंराम मन्दिर के शिलान्यास की बधाई हो।
धन्यवाद
हटाएंआपको भी शिलान्यास की बहुत बहुत बधाई हो डॉ साहब