नमस्कार, हाल के बीते कुछ दो तीन महीने में मैने कुछ शेरो शायरी की है कि क्या है यू कहूं तो करने की कोशिश की है और जो कुछ टूटा फूटा हो पाया है वो आज आपके हवाले कर रहा हूं
जहर के कारोबार का यही अंजाम होगा
बदनाम तो वो होगा ना जिसका कोई नाम होगा
बतन के दुश्मनों से जो दोस्ताना कारोबार करता है
उसका होगा भी तो कितना कौडी दो कौडी का इमान होगा
अपने बेटों की लाशों को भी देखकर जिसकी आंखें नम न हो
आपको लगता है कि की वो शख्स इंसान होगा
कभी शाख से टुटते पत्ते देखें हैं तुमने
मतलब तुमने हमे कभी गौर से नही देखा
पतलों को ये गुमान हैं के कभी मोटे नही होंगे
मोटों को ये गलतफहमी है के कभी पतले नही होंगे
आँसूओं की यही खासियत होती है
आने और जाने का कोई निशान नहीं छोड़ते
एक नाम के दो लफ्ज जब से नारे हो गए हैं
आपसी दोस्त दुश्मन सारे हमारे हो गए हैं
ये हमारी मेहनत और आवाम की मोहब्बतों का नतीजा है
मुखालफिन भी अब मुरीद हमारे हो गए हैं
ये नजारा पहले देखिए खुदा जाने फिर कब मयस्सर हो
कितने खुबसुरत लोग महफिल में तमाशा देखने आए हैं
कितना समझदार समझता था तुझसे पहली दफा मिलने से मै खुद को
आखिर तेरे मासुम से चेहरे ने बेवकूफ बना ही दिया मुझको
जंगवाजों जंगवाजी यू भी दिखाई जाती है
हार हो या जीत हो दुश्मन शर्मिंदा रहना चाहिए
कुछ लोग अपने नाम कुछ लोग अपने काम से पहचाने जाते हैं
दुनिया मिसाल देती है जिनकी कुछ लोग अपने अंजाम से पहचाने जाते हैं
शहद समझकर आतंकवाद के जहर को पालने वालों
जहर पहले उस प्याले को जलाता है जिसमें वो रखा जाता है
लफ्जों में लगी हुई बीमारी नही हो सकता
तनहा बागी हो सकता है दरबारी नही हो सकता
हमारे सारे बनते हुए काम गड़बड़ा जाते हैं
जब भी सुनते हैं तुम्हारा नाम सकपका जाते हैं
किसी दिन दिल हिचकिचाना बंद करें तो बताएं तुम्हें
हम तुमसे बात करते हुए हड़बड़ा जाते हैं
होश आने पर मदहोशी का खामियाजा न भुगतना पड़ जाए कहीं
संभालो खुद को जवानी की दहलीज़ पर अक्सर पाँव लड़खड़ा जाते हैं
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इन शेरो शायरी को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
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