नमस्कार, मै जो गीत आज आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं उसे मै ने तकरीबन डेढ़ वर्ष पूर्व लिखना शुरु किया था और आज वो गीत पूर्ण हो गई तो मैने ये तय किया कि इस गीत को आपके सामने प्रस्तुत कर देना चाहिए | इस गीत का भाव हमारे देश में लड़कियों के प्रति हो ने वाली हिंसा की दर्दनाक और शर्मनाक ऐसी घटनाएं है जो किसी भी सभ्य समाज के लिए कलंक हैं | मैं चाहता हूँ कि आप इस गीत को एक बार जरूर पढे और अगर आपके दिल को छू जाए तो औरों के साथ भी साझा करें |
सुनना जरूर तुमको रब का वास्ता
एक चिडिया सुना रही है अपनी दास्तॉ
उड उड कर रोज दाने खाती थी चुगकर
कभी हंसती थी जोर से कभी शर्माती छुपकर
घुमना चाहती थी वो सारा गगन
रहती थी बस अपनी धुन में मगन
एक दिन भटक गई घर का रास्ता
एक चिडिया सुना रही है अपनी दास्तॉ
आने वाले खतरे से चिड़िया अनजान थी
चेहरे पर मुस्कान और घोसले की जान थी
कितनी मासूम, कितनी थी भोली
उसकी सुंदरता देख दुनिया हैरान थी
बस दाल के दो दाने थे उसका नाश्ता
एक चिडिया सुना रही है अपनी दास्तॉ
एक चिडा रोज उसका करता था पीछा
कहता था चिडिया से प्यार है तुमसे
तुम भी करो प्यार कहता था हमसे
जब मानी नही चिडिया तो कर्म किया निचा
अपना लिया उसने जुर्म का रास्ता
एक चिडिया सुना रही है अपनी दास्तॉ
सुनना जरूर तुमको रब का वास्ता
एक चिडिया सुना रही है अपनी दास्तॉ
एक दिन वो भी आया जब हैवानीयत की हद हो गई
ज़िन्दगी शर्मिंदा थी, इंसानियत मरगई
चिडे ने उस दिन जब जबरन मरोडी कलाई
और चिडिया के तन से खिचा दुपट्टा
तब चिडिया ने किया विरोध वो नही मानी
तो चिडे ने फेंका चिडिया के चेहरे पर तेजाब वाला पानी
पल में चिडिया का जीवन जलकर खॉख था
एक चिडिया सुना रही है अपनी दास्तॉ
दुनिया जिसे पहले कहती थी खुबसुरत
अब देखती भी नही समझकर बदसूरत
जीत गया चिडा चिडिया को जलाकर
आजाद उड रहा है कानून को कुछ बोटियां खिलाकर
और चिडिया का हर सपना जलकर राख था
एक चिडिया सुना रही है अपनी दास्तॉ
सुनना जरूर तुमको रब का वास्ता
एक चिडिया सुना रही है अपनी दास्तॉ
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इन गीत को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
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