रविवार, 21 मार्च 2021

कविता , दिनकर है मेरी कविता

      नमस्कार 🙏 मैने यह कविता साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता हिन्दी काव्य कोश के विषय - दिनकर के लिए विधा - कविता में दिनांक - 19/03/2021 को भेजी थी रचना तो विजयी नही हुई पर मैने ये सोचा के क्यों न आपके साथ भी इसे साझा किया जाए तो पेश कर रहा हूँ पढ़ कर विचार जरूर बताइएगा 

दिनकर है मेरी कविता


दिनकर है कर्तव्यपरायण 

दिनकर है उपकारी 

दिनकर के गुणगान करों 

दिनकर है सदाचारी 


दिनकर का उपकार दिन है 

दिनकर का आभार भी 

दिनकर का व्यवहार काव्य है 

दिनकर का विचार भी 


दिनकर को एक समान लगे 

दानी , धनी और दीन 

दिनकर सब का अपना है 

बलवान , अबला हो या हीन 


दिनकर मंगल वंदन में 

दिनकर स्वागत अभिनंदन में 

दिनकर सूक्ष्म विसाल सब है 

दिनकर ही भारत लंदन में 


दिनकर हर विधा में है 

दिनकर है अविधा में भी 

दिनकर मेरे शब्द-शब्द में 

दिनकर है मेरी कविता में भी 

      मेरी ये कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने विचार कमेन्ट करके जरूर बताइएगा | मै जल्द ही फिर आपके समक्ष वापस आउंगा तब तक साहित्यमठ पढ़ते रहिए अपना और अपनों का बहुत ख्याल रखिए , नमस्कार |

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